अखबार में ये 4 रंगीन बिंदु आखिर क्यों प्रिंट किए जाते हैं, अगर नहीं जानते तो जान लीजिए

आपमें से ज्यादातर लोग अखबार पढ़ते होंगे और आपने अखबार पर चार अलग-अलग रंगों के डॉट या बिंदी भी देखी होगी। हालांकि बहुत ही कम लोग इन डॉट या बिंदी का मतलब जानते हैं। इस पोस्ट में हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों यह अखबार पर छापी जाती है।

आप लोगों ने हमेशा से ही सुना होगा कि मुख्य रंग 3 होते हैं- लाल, पीला और नीला। इसी कारण यह पैटर्न प्रिंटर में भी लगता है। हालांकि उसमें एक रंग और जुड़ जाता है। वह है काला। अखबार पर छपी हुई बिंदुओं का क्रम CMYK होता है।

C का अर्थ होता Cyan है। प्रिंटिंग में Cyan का मतलब नीला है। M का मतलब Magenta यानी कि गुलाबी। Y का मतलब Yellow यानी कि पीला और K का मतलब Black यानी कि काला।

बता दे कि किसी भी रंग को सही अनुपात में इनका प्रयोग करके तैयार किया जाता है। यह सभी रंग प्लेट के एक पृष्ठ पर अलग से रखे जाते हैं। यह प्रिंटिंग के वक्त ये एक ही जगह पर रहते हैं और यह डॉट्स यदि इसी क्रम में रहते हैं तो चित्र बिल्कुल स्पष्ट आते हैं। यदि ऐसा नहीं होता है तो वे धुंधले हो जाते हैं और कलर की ओवरलैपिंग हो जाती है।

अलग रंगों की प्लेटें एक दूसरे के साथ संरेखित नहीं होती है तो चित्र ठीक तरह से नहीं रखा गया होता है। मार्कर का इस्तेमाल घनत्व एवं डॉट को जानने के लिए भी होता है। हालांकि हर रोज छपने वाले अखबारों की संख्या को कोई भी नहीं पहचान सकता।

इसी कारण इसका प्रयोग होने से यह बहुत ही आसान बनाता है। कुछ लोग तो यह समझते हैं कि अखबार प्रिंट होते वक्त यह लग जाता है। लेकिन अखबार पर ठीक तरह से कलर पेटर्न बनाने के लिए डॉट्स यानि बिंदी मार्कस का काम करते हैं।

यह पैटर्न प्रिंटर में इस्तेमाल होता है। लेकिन उसमें ब्लैक रंग और जुड़ जाता है। इसी कारण यह चार बिंदिया अखबार पर प्रिंट हो जाती है। प्रिंटिंग के बाद यह बिंदिया इसी क्रम में बनी रहती है तो अखबार ठीक तरह से प्रिंट हुआ है अन्यथा नहीं।

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