अपनी धोखेबाज पत्नी को बेनकाब करना चाहता था पति, लेकिन उसी के साथ हो गया कांड, 3 महीने के लिए पहुंच गया जेल
एक व्यक्ति को शक था कि उसकी बीवी पीठ पीछे उसे धोखा दे रही है. इसके बाद उसने पत्नी को प्रेमी के साथ रंगेहाथों पकड़ भी लिया, लेकिन शख्स का एक दाव उस पर ही भारी पड़ गया और अब वो सलाखों के पीछे है. जानिए क्योंं कोर्ट ने शख्स को ही जेल में डाल दिया.
पति-पत्नी का रिश्ता सम्मान, प्यार और भरोसे पर टिका होता है. अगर विश्वास टूटा, तो सबकुछ तबाह हो जाता है. खासतौर पर धोखेबाज पार्टनर को माफ कर पाना आसान नहीं होता. एक व्यक्ति को भी अपनी पत्नी पर कई दिनों से शक था. इसके बाद उसने पत्नी को बेनकाब करने के लिए ठान लिया और उसे प्रेमी के साथ रंगेहाथों पकड़ भी लिया. लेकिन जब न्याय की बारी आई, तो कोर्ट ने शख्स को उठाकर जेल में ठेल दिया, वो भी तीन महीने के लिए. ताइवान में हुए इस अजीबोगरीब मामले ने सोशल मीडिया पर नई बहस छेड़ दी है.
ओडिटी सेंट्रल की रिपोर्ट के अनुसार, फैन सरनेम के एक ताइवानी शख्स को अपनी पत्नी की बेवफाई साबित करना भारी पड़ गया, और अब वो सलाखों के पीछे है. उसने पत्नी को रंगेहाथों पकड़ने के लिए घर के चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगवाए, लेकिन यह दाव शख्स पर ही भारी पड़ गया.
कथित तौर पर कपल कई सालों से शादीशुदा था और उसके दो बच्चे हैं. फैन को जब शक हुआ कि उनकी पत्नी का किसी और के साथ अफेयर है, तो उसने घर के लिविंग रूम में पियानो के नीचे और मास्टर बेडरूम में कम्प्यूटर के बगल में एक कैमरा लगा दिया. लगभग दो हफ्तों बाद पत्नी अपनी प्रेमी के साथ अंतरंग संबंध बनाते हुए कैमरे में कैद हो गई. जिसे बाद में फैन ने तलाक के आधार के रूप में इस्तेमाल किया.
लेकिन शख्स को बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उसकी पत्नी के पास भी एक बड़ा हथियार है. महिला ने प्राइवेसी तोड़ने का आरोप लगाकर पति के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी.
इस मामले में अदालत ने फैन को यह कहकर तीन महीने जेल की सजा सुना दी कि उसने अपनी पत्नी की निजता का उल्लंघन किया था. क्योंकि, उसने घर में चारों ओर गुप्त कैमरे लगाकर उसकी गतिविधियों की निगरानी की थी. यह घटना इस बात पर प्रकाश डालती है कि कैसे व्यक्तिगत निजता और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर्स के सबूत जुटाने के बीच की सीमाएं कानूनी रूप से जटिल हो सकती हैं.
अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि किसी की निजता का उल्लंघन करना, चाहे वह अपने घर में ही क्यों न हो, कानून के खिलाफ है. कोर्ट के फैसले ने ताइवान और चीन में गोपनीयता के अधिकार और आधुनिक तकनीक के दुरुपयोग को लेकर गहन बहस को जन्म दिया है, खास तौर पर यह सवाल उठाते हुए कि क्या किसी रिश्ते में विश्वासघात का पता लगाने के लिए इस तरह की निगरानी उचित हो सकती है.