अपनी बूढ़ी मां को वृद्धआश्रम में छोड़ते हुए बेटा बोला- मैं हर महीने तुमसे मिलने आया करूंगा, लेकिन बेटा उससे मिलने एक बार भी नहीं आया, मां ने मरने से पहले…….

एक गरीब महिला ने अपने पति का निधन हो जाने के बाद अपने बेटे को बहुत ही मेहनत करके पढ़ा लिखा या और उसे बड़ा आदमी बनाया। शादी की उम्र हो जाने पर उसने अपने बेटे की शादी सुंदर लड़की से करवाई।

कुछ दिन तो बहू को सास के साथ अच्छा लगा। जैसे-जैसे दिन बीतते गए मॉडर्न बहू को अपनी दास नागवार गुजरने लगी। एक दिन पत्नी ने अपने पति से कहा कि तुम अपनी मां को वृद्धाश्रम में भेज दो। लेकिन पति ने अपनी पत्नी की बात नहीं मानी। फिर पति अपनी पत्नी के दबाव के आगे मां को वृद्धाश्रम छोड़ आया।

बेटे ने अपनी मां से कहा कि मैं तुम्हें हर महीने ₹1000 भेज दिया करूंगा और तुमसे समय मिलने पर मिलने भी आऊंगा। मां ने बोला कि बेटा तू पैसे भले ही मत भेजना। लेकिन मिलने जरूर आ जाना।

लेकिन बेटे ने मां के लिए सिर्फ ₹1000 महीने भेजें और मिलने नहीं गया। ऐसा करते-करते कुछ महीने बीत गए। वृद्धाश्रम सो एक दिन बेटे के पास फोन पहुंचा तो उससे कहा गया कि आप की मां की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। वह तुमसे मिलना चाहती हैं।

बेटे ने उत्तर देते हुए कहा कि मैं अभी बिजी हूं। शाम को मां से मिलने आता हूं। शाम के वक्त जब बेटा मां से मिलने पहुंचा तो मां का निधन हो चुका था। वहां पर मौजूद एक व्यक्ति ने बेटे को दो लिफाफे दिए और बोला कि मुझसे तुम्हारी मां ने कहा था कि यह दो लिफाफे मेरे बेटे को दे देना।

जब बेटे ने पहला लिफाफे खोले तो उसमें लिखा था कि मेरे प्यारे बेटे मेरी अंतिम इच्छा तुमसे मिलने की थी। मैं तुम्हारे माथे पर प्यार से हाथ फेरना चाहती थी और तुम को बहुत सारा आशीर्वाद देना चाहती थी। लेकिन तुमने मेरी इच्छा पूरी नहीं होने दी।

तुमने मुझे जो हर महीने ₹1000 भेजे थे, वह मैंने बचा कर रखे। वह पैसे दूसरे लिफाफे में रखे हैं। मेरे लिए यह पैसे काम नहीं आए।

लेकिन मैं तुम्हारे लिए यह पैसे छोड़ कर जा रही हूं। तुम तो मेरे अच्छे और उदार बेटे हो, जिसने मुझे समय-समय पर पैसे भेजे। लेकिन मुझे इस बात का डर है कि जो तुम्हारी संतान होगी, वह शायद तुम्हें पैसे भी ना भेजें और इस वक्त यह पैसे तुम्हारे काम आ सकते है।

कहानी की शिक्षा

कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि बुजुर्गों को पैसे की नहीं बल्कि अपनी संतान के प्यार की जरूरत होती है। लेकिन उन्हें यह प्यार नहीं मिलता तो वह अंदर से टूट जाते हैं। आज के समय में यह सब होना आम बात है। आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। आप अपने बड़ों का आदर और सम्मान करें और उनके लिए समय निकालें।

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