अब्दुल ने चॉकलेट का लालच दिखाकर 5 साल की मासूम बच्ची को किया अगवा, फिर खेत में ले जाकर किया बलात्कार….
गाजियाबाद के भोजपुर थानाक्षेत्र के एक गांव में गुरुवार शाम घर के बाहर खेल रही पांच साल की बच्ची को चॉकलेट दिलाने के बहाने अगवा कर 16 वर्षीय छात्र ने दुष्कर्म किया। बच्ची के विरोध करने पर आरोपी ने गला दबाकर जान से मारने का प्रयास भी किया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है।

भोजपुर थानाक्षेत्र के एक गांव में रहने वाली पांच साल की बच्ची गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ाई करने के लिए जाती है। गुरुवार शाम करीब 5.30 बजे वह अपने घर के बाहर खेल रही थी। जब काफी देर तक घर नहीं आई तो परिजन बाहर देखने निकले तो वह गायब मिली। इसके बाद परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, मगर उसका कोई पता नहीं लगा। शाम साढ़े सात बजे के आसपास बच्ची रोती हुई घर पहुंची और बेहोश होकर नीचे गिर गई।
इसके बाद परिजनों ने स्थानीय डॉक्टर को घर पर बुलाया। प्राथमिक उपचार मिलने के बाद बच्ची को होश आया। इसके बाद बच्ची मां से लिपटकर बिलखने लगी और अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया। एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय ने बताया कि पीड़ित बच्ची के पिता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को हिरासत में ले लिया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
पिता ने बताया कि वारदात के बाद से बच्ची को तेज बुखार है और वह दर्द से कराह रही है। लगातार बुखार रहने से बच्ची की हालत चिंताजनक बनी हुई है। बार-बार सहम रही है और फिर रोने लगती है। उन्होंने बताया कि आरोपी किशोर मदरसे में पढ़ता है और तालीमी शिक्षा ले रहा है। पीड़िता और आरोपी का घर आसपास होने के कारण तनाव जैसी स्थिति बनी हुई है। पुलिस गांव में लगातार गश्त कर रही है।
बच्ची के पिता ने बताया कि आरोपी छात्र गुरुवार शाम को रिक्शा लेकर बच्ची के पास पहुंचा। उसने कहा कि चॉकलेट खाना है तो रिक्शा में बैठ जाओ। इसके बाद बच्ची रिक्शा में बैठ गई। आरोपी रिक्शा को पांच सौ मीटर दूर एक खेत में ले गया। आरोप है कि वह बच्ची को ईख के खेत में ले गया और दुष्कर्म किया। शोर मचाने पर आरोपी ने बच्ची के मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और गला दबाकर जान से मारने का प्रयास किया। किसी तरह बच्ची अपने घर पहुंची और आपबीती सुनाई।
एमएमजी अस्पताल के गैर संचारी रोग विभाग में तैनात मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. साकेत नाथ तिवारी का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के दौर में बच्चों पर अध्यापक और अभिभावकों को ध्यान देने की जरूरत है। साइकेट्रिस्ट डॉ. निमित त्यागी बताते हैं कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री की वजह से सामाजिक ताना-बाना तेजी से बिगड़ रहा है। बच्चों को छोटी उम्र में ही वह सब देखने को मिल जाता है जो बालिग होने पर पता लगना चाहिए। ऐसे में परिजनों को बच्चों पर विशेष ध्यान देना चाहिए और बच्चों का झुकाव गलत गतिविधियों में दिखे तो काउंसलिंग करानी चाहिए।