आजतक अनसुलझा है दुनिया का ये रहस्य, जब अचानक ही नाचने लगी 400 महिलाएं और फिर होने लगी उनकी मौत
विश्व में कई अनसुलझे रहस्य है, जो आज तक कोई नहीं सुलझा सका है. वैज्ञानिक कई रहस्यों से पर्दा हटाने में कामयाब हुए हैं. लेकिन अभी भी कुछ रहस्यमयी चीजें बाकी है.
द डांसिंग प्लेग ऑफ 1518
1518 में गर्मियों के दिनों में स्ट्रासबर्ग शहर में एक महिला ने अचानक से सड़क पर नाचना शुरू कर दिया. वह दिन रात नाचती रहती थी. इसके बाद 1 हफ्ते के भीतर 34 अन्य महिलाओं ने भी उसके साथ नाचना शुरू कर दिया. यह देखकर लोगों को लगने लगा कि उनके अंदर किसी आत्मा का वास है. ना तो कोई अवसर था और ना ही खास मौका, जो यह महिलाएं नाच रही थी. धीरे-धीरे 1 महीने के भीतर नाचने वाली महिलाओं की संख्या 400 के आसपास पहुंच गई. नाचते-नाचते कई महिलाओं की हालत खराब हो गई और बहुत सी महिलाएं मर गई. धार्मिक पुरोहितों से लेकर वैज्ञानिक तक बुलाए गए. लेकिन इस वजह से पता नहीं चला. कुछ लोगों ने इसके पीछे की वजह भी बताईं. जहर, एपिलेप्सी सामूहिक मानसिक बीमारी भी इसकी वजह बताई गई. लेकिन अभी तक इसका संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
द एस एस ओरंग मेडान
1947 में जून में मलक्का की खाड़ी से व्यापारिक मार्ग से कई जहाज गुजर रहे थे. इसी बीच एक एसओएस संदेश पहुंचा कि जहाज के सभी ग्रुप मेंबर्स मर गए हैं. नजदीकी के जहाज सिग्नल का सोर्स पता करते हुए उसकी तरफ बढ़े. सबसे नजदीकी मर्चेंट शिप द सिल्वल स्टार सिग्नल की तरफ तेजी से पहुंची. जब लोग ओरंग मेडान पर आए तो सब हैरान रह गए. सभी क्रू-मेंबर्स मर चुके थे. चारों ओर लाशें बिखरी हुई थी. कई लोगों की तो आंखें खुली की खुली रह गई थी. इतना ही नहीं इस जहाज पर सवार एक कुत्ती की भी मृत्यु हो गई थी. बॉयलर रूम में शवों के नजदीक जाने पर क्रू सदस्यों को बहुत ठंड लगने लगी जबकि तापमान 110 डिग्री था. मरने वाले लोगों के शरीर पर चोट का कोई भी नामोनिशान नहीं था. इसके बाद द सिल्वर स्टार के क्रू-सदस्य अपनी शिप पर वापस आ गए. ओरंग मेडान में धमाका होने से पहले द सिल्वर स्टार के क्रू सदस्य अपनी शिप पर वापस पहुंच पाए. इसके पीछे की वजह प्राकृतिक गैसों के बादल बनने को बताया गया. लेकिन कुछ लोग इसके पीछे सुपर नेचुरल पावर को जिम्मेदार मानते हैं.
डेथ वैली, कैलीफोर्निया
कैलिफोर्निया की डेथ वैली में बहुत सारे पत्थर है. इस मरुस्थल पर बड़े-बड़े आकार के पत्थर अपने आप खिसकते रहते हैं. इन पत्थरों को कोई भी नहीं खींचता, लेकिन यह एक जगह से दूसरी जगह पहुंच जाते हैं. हालांकि अभी तक किसी ने अपनी आंखों से यह नहीं देखा है.
नाजका लाइन्स, नाजका रेगिस्तान, दक्षिणी पेरू
पेरू में स्थित इस रेगिस्तान में कई अजीबोगरीब आकृतियां बनी हुई है, जिन्हें देखकर आप हैरान रह जाएंगे. इनमें कुछ आकृतियां इंसानों, पौधों और जानवरों की लगती है. इतना ही नहीं इस रेगिस्तान में सीधी रेखाएं भी दिखती है. ऐसा कहा जाता है कि यह रेखाएं 200 ईसा पूर्व से मौजूद है. यह रेखाएं लगभग 500 वर्ग किलोमीटर में फैली हुई है. ऐसा कहा जाता है कि इस जगह दूसरे ग्रहों से आईं यूएफओ उतरे थे, जिस वजह से इतनी संरचनाएं बनी थीं.