एक ऐसा गांव जहां आज तक नहीं हुई बारिश….

प्रसिद्ध गीतकार और कवि गोपालदास नीरज की यह पंक्तियां दुनिया के अकेले ऐसे गांव पर एकदम फिट बैठती है। कि “अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई, मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई” लिखने से पहले कवि ने सोची भी नहीं होगी कि हकीकत में ऐसा कुछ देखने को मिलेगा।लेकिन यह खबर एकदम सच है कि धरती पर एक ऐसा भी गांव है , जिससे बादल ऐसे रूठे हैं कि वहां आजतक बरसात नहीं हुई।

हर चमत्कार के पीछे कुछ न कुछ विज्ञान होता है। कुछ ऐसा ही हुआ एक गांव के साथ जहां आजतक बारिश की एक भी बूंद नहीं गिरी है। यह घटना हमें सोचने को मजबूर कर देती है कि दुनिया ऐसे कितने रहस्यों से भरी है। हम मानव धरती के ऐसे कितने राज से अभी भी अनजान हैं। सुनने में भले ही यह अजीबोगरीब लगे लेकिन यह सच है कि इस गांव में आजतक बरसात की एक बूंद तक नहीं गिरी। फिर यहां लोग और जीव-जंतु आराम से जीवन यापन कर रहे हैं।

दरअसल मध्यपूर्व एशिया के देश यमन में एक गांव है जिसका नाम है ‘अल-हुतैब’। यह ऐसा है गांव है जहां आजतक बारिश नहीं हुई है। ‘अल-हुतैब’ यमन की राजधानी सना के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। अब प्रश्न यह उठता है कि इस गांव में आखिरकार बरसात क्यों नहीं होती है। और बारिश नहीं होती है इस गांव के निवासी और जीव जंतु कैसे जिंदा रहते हैं?

यमन देश के इस गांव की समुद्रतल से ऊंचाई 3200 मीटर है । जो पहाड़ों के बीच बसा है। यहां गर्मी भी बहुत ज्यादा पड़ती है । लेकिन ठंडी के दिनों में हांड़ कंपा देने वाली ठंड़ी पड़ती है। जाड़े में थोड़ी भी लापरवाही करने पर लोगों की हालत खराब हो जाती है।

दरअसल इस गांव में बारिश नहीं होने के पीछे बहुत ही वैज्ञानिक कारण है। और वो है समुद्रतल से इस गांव की ऊंचाई। जैसा की ऊपर ही हम बता चुके है कि यह गांव 3200 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। जो इसके लिए अभिशाप बन गया है। बादलों के बनने की प्रकिया 2000 मीटर की ऊंचाई तक संभव है। इसका मतलब है कि बादल इस गांव से काफी नीचे बनते हैं। और यही कारण है कि इस गांव में बरसात नहीं हो पाती है। फिर यहां रहने वाले लोगों को इस बात का कोई मलाल नहीं है। वो बहुत ही गर्व से कहते हैं कि वे लोग स्वर्ग में रह रहे हैं।

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