एक ऐसी शापित कुर्सी जिस पर जो कोई भी बैठा वो जिंदा नहीं बचा, जानिए शापित चेयर की अनोखी कहानी

दुनिया में कई दशकों पहले के ऐसे राज हैं जिनसे आज तक पर्दा नहीं उठा है। कई सालों पहले की घटनाएं हैं जो हमें यह सोचने पर मजबूर कर देती हैं कि आखिर यह सच कैसे हो सकता है? आज हम आपको एक ऐसी ही घटना के बारे में बताने वाले हैं जो आपकी रुह झंझोड़ देगी। यह कहानी है एक शापित कुर्सी की है और करीब 50 साल से अधिक पुरानी है।  लेकिन इसकी कहानी आज भी डराती है।

दरअसल, जब एक के बाद एक घटनाएं घटित हुईं और इसके बारे में जो तथ्य सामने आया उसने सभी चौका दिया। दरअसल, इस कुर्सी पर बैठने वाला हर व्यक्ति किसी न किसी कारण से मर जाता है। आईए हम इस अजब गजब कुर्सी के बारे में…

यह शापित कुर्सी थॉमस बस्बी नामक एक शख्स की सबसे पसंदीदा कुर्सी थी। एक बार उनकी इस कुर्सी पर उनके ससुर बैठ गए जिससे थॉमस बस्बी को बहुत गुस्सा आया। मिस्टर बस्बी ने क्रोध में आकर उनके ससुर की हत्या कर दी। इस घटना के बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और उन्हें फांसी की सजा सुनाई। वर्ष 1702  में उत्तर यार्कशायर में थॉमस को फांसी की सजा दी गई। लेकिन फांसी पर चढ़ने से ठीक पहले थॉमस ने श्राप देते हुए कहा कि जो कोई भी इस कुर्सी पर बैठने की ज़ुर्रत करेगा उसकी मौत हो जाएगी। इस तरह से वह कुर्सी श्रापित हो गई।

लोगों ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया और उस कुर्सी पर बैठने लगे। लेकिन जो भी उस कुर्सी पर बैठा कुछ ही दिन में उसकी मृत्यु हो गई। जब कुर्सी पर बैठने वाले 4 लोगों की मौत हुई तब लोगों को यह एहसास हुआ कि कुर्सी श्रापित हो चुकी हैं। बाद में यह कुर्सी को पब में रखी गई थी। द्वितीय विश्व युद्ध के समय कुछ सैनिक इस चेयर पर बैठे और युद्ध के दौरान सभी सैनिक मारे गए। कहा जाता है कि लगभग 63 लोगों ने उस कुर्सी पर बैठने से अपनी जान गवाई थी।

1970 में भी ऐसी ही कुछ घटनाएं देखने को मिली थी जिसमें लोगों ने उस चेयर पर बैठने के बाद अपनी जान गवाई। ऐसी कईं सारी घटनााओं के बाद उस कुर्सी को इंग्लैंड के थर्कस म्यूजियम में 6 फुट की ऊंचाई पर टांगा गया। इस कुर्सी को डेथ चेयर के नाम से भी जाना जाता है। वह म्युजियम 46 साल पुराना है, उसकी स्थापना 1975 में हुई थी। इस कुर्सी को लेकर लोगों के मन में इतना ज्यादा भय है कि वह म्युजियम में जाकर दूर से भी उस कुर्सी को देखने से डरते हैं।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *