एक गरीब किसान के पास एक बूढ़ा गधा था, एक दिन वो गधा कुएं में गिर गया, किसान सोचने लगा कि कुआं तो काफी गहरा है और गधा काफी भारी, उसे निकाल पाना नामुमकिन है, इसलिए……
एक किसान के पास एक बूढ़ा गधा था। एक दिन गधा अचानक से गहरे सूखे कुएं में गिर गया। जब किसान ने गधे की चीखने की आवाज सुनी तो वह घर से बाहर निकला और उसने देखा कि गधा कुएं में गिर गया है। कुआं गहरा था और गधा काफी भारी था और गधे को निकाल पाना भी असंभव लग रहा था, क्योंकि गधा बूढ़ा हो चुका था।
अब किसान ने सोचा कि गधा बूढ़ा हो गया है। मैं इसे कुएं में जिंदा ही दफना देता हूं। इससे दो समस्याएं एक साथ खत्म हो जाएंगी। किसान ने अपने पड़ोसियों को बुलाया और उन्हें सारी घटना बताई। पड़ोसी इस काम के लिए राजी हो गए। अब लोगों ने मिट्टी लाकर कुएं में डालना शुरू कर दिया।
वे टोकरी में मिट्टी लाते और गधे की पीठ पर डाल देते। गधा दुख से बहुत पागल हो गया और उसने सोचा कि अब जो भी मेरे ऊपर मिट्टी डालेगा, मैं उसे हिला दूंगा। अब गधा ऐसा ही करता रहा। लोग मिट्टी डालते रहे और गधा हर बार मिट्टी हिला देता और ऊपर उछल आता। ऐसा करते-करते कुआं पूरी तरह से भर गया और कुछ ही देर में गधा कुएं से उछलकर बाहर आ गए और वहां से भाग गया।
कथा की सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी मुश्किलों की धूल को झाड़ते रहना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। तभी हम अपने मुसीबतों से पीछा छुड़ा पाएंगे।