एक गरीब किसान ने गांव के ही एक साहूकार कुआं खरीदा, वह साहूकार बहुत लालची था, जब किसान उस कुएं के पानी से खेतों की सिंचाई कर रहा था तो साहूकार भी वहां पहुंच गया……
किसी गांव में एक किसान रहता था, जो खेती करके ही अपने परिवार का पालन पोषण करता था। लेकिन एक बार गांव में सूखा पड़ गया। बारिश ना होने की वजह से फसलें नहीं हो पाई। किसान के खेतों के साथ साहूकार की जमीन थी, जिसमें कुआं था। किसान साहूकार के पास गया और उससे कहा कि आप मुझे अपना कुआं बेच दीजिए। इससे मैं अपनी फसलों की सिंचाई कर पाऊंगा और आपको भी फायदा होगा।
साहूकार बहुत लालची था, उसने थोड़ी देर सोचा और कुआं किसान को बेच दिया। अब किसान काफी खुश हो गया, क्योंकि उसने सोचा कि वह कुएं के पानी से अपने खेतों की सिंचाई कर पाएगा। अगले दिन जब किसान कुएं के पानी से अपने खेतों की सिंचाई करने लगा तो साहूकार पहुंच गया और उससे कहा- मैंने तुम्हें केवल कुआं बेचा है, उसका पानी नहीं। अगर तुम्हें कुए का पानी चाहिए तो तुम्हें और पैसे देने पड़ेंगे।
साहूकार की यह बात सुनकर किसान हैरान रह गया। उसने साहूकार को बहुत समझाया, लेकिन वह नहीं माना। इसके बाद किसान अपने घर आ गया और अपनी पत्नी को सारी सच्चाई बताई। फिर किसान की पत्नी ने कहा कि कल मैं भी तुम्हारे साथ खेत पर चलूंगी।
फिर अगले दिन किसान अपनी पत्नी के साथ खेत पर पहुंच गया और वहां साहूकार पहले से ही मौजूद था। किसान की पत्नी ने साहूकार से कहा कि आपने हमें केवल कुआं बेचा है, उसका पानी नहीं तो अब हमें यह पानी नहीं चाहिए। आप अपना पानी निकाल लो। हमें सिर्फ कुआं दे दो। साहूकार बोला- ऐसा कैसे हो सकता है? कुएं से पानी नहीं निकाला जा सकता। मैं जितना पानी निकालूंगा, उतना पानी दोबारा कुएं में आ जाएगा। इसके बाद किसान की पत्नी बोली- ठीक है, आपका पानी हमारे कुएं में है, तो आप हमें इसका किराया दो। साहूकार समझ गया कि किसान की पत्नी बहुत चालाक है और उसे इससे फायदा नहीं नुकसान होगा, क्योंकि कुएं का पानी खत्म नहीं होगा और उसे ज्यादा पैसे देने पड़ेंगे। इसके बाद साहूकार अपनी गलती मान कर वहां से चला गया।
लाइफ मैनेजमेंट
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