एक गरीब किसान ने राजा से 5 साल के लिए कुछ कर्ज लिया था, 5 साल बाद राजा ने मंत्री से कहा उस किसान से धन वापस लाओ, मंत्री उस किसान के घर गया, लेकिन…….

एक गरीब किसान ने राजा से यह कहकर कर्ज लिया कि 5 साल बाद में कर्जा वापस कर दूंगा। 5 साल बीत गए। लेकिन किसान कर्जा नहीं चुका पाया। राजा ने अपने मंत्री से कहा कि उस व्यक्ति से धन वापस लाओ। मंत्री किसान के पास आया। लेकिन उसने कर्जा नहीं चुकाया तो राजा ने सोचा कि मैं ही किसान के पास जाता हूं। राजा किसान के घर गया तो उसे वहां एक लड़की मिली।

राजा ने पूछा की बेटी तुम्हारे पिता कहां है। लड़की ने बताया कि पिताजी स्वर्ग का पानी रोकने गए हैं। राजा को यह बात समझ में नहीं आई। फिर राजा ने पूछा- बेटी तुम्हारा भाई कहां है। लड़की ने कहा- मेरा भाई बिना झगड़े का झगड़ा करने गया है। यह बात भी राजा के पल्ले नहीं पड़ी।

फिर राजा ने उससे पूछा तुम्हारी मां कहां है। लड़की ने बताया कि मेरी मां एक का दो करने गई है। अब राजा बहुत गुस्सा हो गया और गुस्से में पूछा- तुम यहां क्या कर रही हो। लड़की ने कहा- मैं घर बैठी संसार देख रही हूं। यह बात सुनकर राजा और गुस्सा हो गया। उसने खुद को शांत किया और कहा कि इस लड़की से प्यार से पूछना पड़ेगा।

राजा ने शांत होकर प्यार से लड़की से पूछा कि बेटी तुमने मेरे प्रश्नों का जो उत्तर दिया, वह मुझे समझ नहीं आया। क्या तुमने मुझे इन उत्तरों का अर्थ समझा दोगी। लड़की ने कहा- अगर मैं आपको समझा दूंगी तो मुझे क्या मिलेगा। राजा ने कहा- तुम जो चाहो, मैं तुम्हें दूंगा। लड़की ने कहा- आप मेरे पिता का कर्ज माफ कर दोगे। राजा ने कहा ठीक है, तुम्हारे पिता का सारा कर्ज माफ कर दूंगा।

फिर लड़की ने राजा से कहा- मैं आज नहीं समझा सकती। कल आना। इसके बाद राजा फिर उस किसान के घर आया, तब घर पर सभी लोग मौजूद थे। लड़की ने राजा से कहा- आपको कल वाला वादा याद है ना। राजा ने कहा- हां मुझे याद है, तुम मुझे मतलब बताओ।

लड़की ने कहा- सबसे पहले मैंने आपसे कहा था कि मेरे पिता स्वर्ग का पानी रोकने गए है। इसका मतलब है कि अभी बारिश का समय है और जब भी बारिश होती है तो हमारी छत टपकने लगती है। इसलिए मेरे पिता घर की छत की कर रही थी। बारिश का पानी स्वर्ग से ही आती है। यानी मेरे पिता स्वर्ग का पानी रोकने गए है।

मैंने दूसरे जवाब में आपसे कहा था कि मेरा भाई बिना झगड़े का झगड़ा करने गया है। इसका मतलब मेरा भाई खेत के कांटें हटाने गया है। वह कांटे साफ करेगा तो उसे कांटे लगेंगे, जिससे खून निकलेगा। यानी वह बिना झगड़े का झगड़ा करने गया था। लड़की ने कहा कि मेरा तीसरा जवाब था कि मेरी मां एक का दो करने गई है। यानी कि मेरी माता दाल पीसने गई है। जब साबुत दाल के दाने पिसते हैं तो उनके दो टुकड़े हो जाते हैं।

मैंने चौथा जवाब दिया था कि मैं घर बैठे संसार देख रही हूं। उस समय घर में चावल पक रहे थे। मैं थोड़ी थोड़ी देर में चावल के दाने परखकर देख रही थी कि चावल यानी चावल का संसार पका है या नहीं ।राजा उस लड़की की चतुराई और बुद्धिमानी से बहुत प्रसन्न हुआ और उसने उसका सारा कर्जा भी माफ कर दिया।

कथा की सीख

अगर मुश्किल परिस्थितियों में समझदारी से काम लिया जाए तो हम बड़ी से बड़ी मुसीबत से भी छुटकारा पा सकते हैं।

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