एक बार एक गरीब व्यक्ति अपने गधे के साथ कहीं जा रहा था, रास्ते में उसे एक चमकीला पत्थर मिला, उसने पत्थर को उठाया और काफी ध्यान से देखा और सोचा कि ये कोई मामूली सा पत्थर……

एक गरीब व्यक्ति अपने गधे के साथ गांव से बाहर जा रहा था. रास्ते में उसे एक चमकीला पत्थर मिला. उस व्यक्ति ने उस पत्थर को उठा लिया और गधे के गले में बांध दिया. लेकिन वह व्यक्ति यह नहीं जानता था कि यह पत्थर साधारण नहीं, बल्कि मूल्यवान हीरा है. जब थोड़ी दूर जाने के बाद सेठ ने गधे के गले में बंधा हीरा देखा तो सेठ समझ गया कि इस गरीब व्यक्ति को नहीं पता कि यह बहुत कीमती है.

सेठ ने उससे कहा कि तुम यह पत्थर मुझे बेच दो. गरीब ने कहा- ठीक है आप मुझे इस पत्थर के बदले 100 रुपए दे दो. सेठ ने उससे कहा कि मैं तुम्हें इस पत्थर के 50 रुपए दूंगा. गरीब ने उसे मना कर दिया और वह आगे चला गया. सेठ यह सोच रहा था कि इस गरीब को उस पत्थर की असली कीमत नहीं पता है. थोड़ी देर बाद वह इस पत्थर को बेचने मेरे पास आएगा और मुझे 50 रुपए में ही पत्थर मिल जाएगा.

जब वह गरीब व्यक्ति थोड़ी दूर पहुंचा तो उसे एक और सेठ मिला. उसने उस गरीब व्यक्ति से वह पत्थर खरीदने की इच्छा जताई. गरीब व्यक्ति ने इस बार 200 रुपए मांगे. दूसरे सेठ ने तुरंत ही उसे 200 रुपए दे दिए और हीरा ले लिया. जब वह गरीब व्यक्ति लौट कर आ रहा था तो पहला सेठ उस गरीब व्यक्ति के पास आया और उसके पास हीरा ना देख कर उससे पूछा कि पत्थर कहां है, तो गरीब व्यक्ति ने उसे बताया कि मैंने 200 रुपए में बेच दिया.

यह सुनकर सेठ गुस्से में आ गया. उसने गरीब व्यक्ति से कहा कि तू बहुत मूर्ख है. तूने मूल्यवान हीरा 200 रुपए में ही बेच दिया. गरीब व्यक्ति ने सेठ से कहा कि सेठ जी मूर्ख मैं नहीं आप हैं. मुझे तो उस पत्थर के बारे में नहीं पता था, लेकिन आपने तो जानते हुए 50 रुपए के लालच में मूल्यवान पत्थर को खरीदने का मौका खो दिया. मुझसे ज्यादा तो आपका नुकसान हुआ है.

कहानी की सीख

इस प्रसंग से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कई बार हम छोटे से लालच के चक्कर में बड़ा अवसर अपने हाथ से गवां देते हैं और हमें भारी नुकसान झेलना पड़ता है. इसीलिए हमें अवसर को पहचान कर उसे तुरंत हासिल कर लेना चाहिए.

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