एक बार एक पति-पत्नी पानी के जहाज से सफर कर रहे थे, बीच समुद्र में वह जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया, उस जहाज में एक लाइफ वोट भी थी, जिसमें सिर्फ एक ही व्यक्ति के बैठने की सुविधा थी…….
स्कूल की एक अध्यापिका अपने विद्यार्थियों को रिश्ते का महत्व समझाना चाहती थी। अध्यापिका ने इसलिए बच्चों को कहानी सुनाना शुरू कर दिया। वह कहानी कुछ इस प्रकार थी-
जब पति-पत्नी एक जहाज में सफर कर रहे थे, तभी वह जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जहाज में एक लाइफ बोट थी, जिसमें सिर्फ एक ही व्यक्ति बैठ सकता था। पति अपनी जान बचाने के लिए उस लाइफ बोट में बैठ गया। पत्नी जहाज में थी और जहाज नाव से दूर जा रहा था। पत्नी चिल्लाने लगी और अपने पति से कुछ कहा।
अध्यापिका ने अपने विद्यार्थियों से पूछा कि बताओ पत्नी ने क्या कहा होगा। सभी विद्यार्थियों का उत्तर एक ही था। विद्यार्थियों ने कहा कि पत्नी ने कहा होगा कि तुम बेवफा हो। मैं बेवकूफ थी जो तुमसे प्यार किया। मैं अब सिर्फ तुमसे नफरत करती हूं।
लेकिन एक विद्यार्थी शांत बैठा हुआ था। उस विद्यार्थी पर अध्यापिका की नजर पड़ गई। अध्यापिका ने उस विद्यार्थी को बुलाया और पूछा कि तुम बताओ उस पत्नी ने क्या कहा। बच्चे ने कहा कि उस पत्नी ने कहा होगा कि तुम हमारे बच्चे का ख्याल रखना।
अध्यापिका ने कहा कि तुम्हारा जवाब बिल्कुल सही है। अध्यापिका ने विद्यार्थी से पूछा कि क्या तुमने यह कहानी पहले भी पढ़ ली थी। विद्यार्थी ने बताया कि नहीं, मैंने यह कहानी पहले नहीं पढ़ी थी। लेकिन मेरी मां ने मरने से पहले मेरे पिता को यही बात कही थी।
कक्षा में बैठे हुए अन्य विद्यार्थियों की आंखों में यह बात सुनकर आंसू आ गए। टीचर ने अपने विद्यार्थियों को बताया कि उस महिला को गंभीर बीमारी हो गई थी। उसके बचने की उम्मीद ना के बराबर थी। यह दोनों पति-पत्नी इलाज के लिए ही जहाज से सफर कर रहे थे। लेकिन बदकिस्मती से जहाज डूब गया। पति और पत्नी दोनों ही जहाज के साथ डूब जाना चाहते थे। लेकिन पति ने अपनी बेटी के लिए पत्नी को ही नाव में डूबने के लिए छोड़ दिया।
कहानी की शिक्षा
ऐसा कई बार होता है कि हम बिना पूरी बात जाने ही कल्पना करने लगते हैं। लेकिन हमें पूरी बात जाने बिना किसी भी फैसले पर नहीं पहुंचना चाहिए। सबसे पहले हर बात की पूरी जानकारी लें और परिस्थितियों पर नजर डालें। इसके बाद ही फैसला ले।