एक बार एक विद्वान संत एक राजा के राज्य में पहुंचे, संत ने वहां के राजा को ताबीज देते हुए कहा कि इसमें एक मंत्र है, जब कभी भी आप समस्याओं में उलझ जाओ तो इस मंत्र को निकालकर……
एक दिन एक विद्वान संत राजा के नगर पहुंचे. राजा संत के पास गए और उन्हें अपने महल में आने के लिए आमंत्रित किया. राजा ने संत की बहुत सेवा की. राजा की सेवा से संत प्रसन्न हुए और जाते समय राजा को एक ताबीज देकर गए और राजा से कहा कि जीवन में परेशानियां खत्म नहीं हो रही और आपको ऐसा लगे कि सब कुछ खत्म हो गया है तो इस ताबीज में एक कागज पर मंत्र लिखा है, जिसे पढ़ लेना. लेकिन इससे पहले यह ताबीज मत खोलना.
राजा ने संत द्वारा दिए गए ताबीज को गले में पहन लिया. कुछ दिन बाद राजा के नगर पर शत्रुओं ने आक्रमण किया. शत्रुओं से राजा की सेना हार गई. राजा अपने प्राण बचाकर जंगल में भाग गया और छिप गया. उसे गुफा में शत्रु के सैनिकों के कदमों की आवाज सुनाई दी. फिर राजा को लगा में फंस गया हूं और सब कुछ खत्म हो गया है. यह सैनिक मुझे बंदी बना लेंगे. तभी राजा को संत के ताबीज की याद आई.
राजा ने तुरंत ताबीज खोला और कागज निकाला. उस पर लिखा था- यह समय भी कट जाएगा. राजा को यह पढ़कर थोड़ा सुकून मिला. फिर कुछ देर बाद सैनिकों के कदमों की आवाज आना बंद हो गई. राजा ने गुफा से झांककर देखा तो सैनिक वहां से काफी दूर चले गए थे. फिर राजा अपने राज्य की तरफ पहुंचा और राजा के प्राण बच गए.
कथा की सीख
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि अच्छे दिन हो या बुरे दिन, हमेशा नहीं रहते. हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि समय बदलता है. बुरा वक्त हो तो यह सोचना चाहिए कि यह समय भी कट जाएगा.