एक बार एक व्यक्ति जंगल में टहल रहा था, जब वह थक गया तो आराम करने के लिए एक पेड़ के नीचे बैठ गया, तभी उसकी नजर एक अंडे पर पड़ी जिसमें से तितली का बच्चा बाहर निकलने……
जो लोग जीवन में ज्यादा संघर्ष करते हैं उनको सफलता भी बहुत अधिक मिलती है. वह लोग उल्लेखनीय काम कर पाते हैं, क्योंकि उनके अंदर बाधाओं से लड़ने की क्षमता होती है. जो लोग संघर्ष नहीं करते वह कमजोर हो जाते हैं. एक प्राचीन कथा के मुताबिक एक व्यक्ति जंगल में घूम रहा था. वह कुछ देर विश्राम के लिए पेड़ के नीचे बैठ गया. तभी उसने देखा कि एक अंडे से तितली का बच्चा बाहर निकलने की कोशिश कर रहा है. काफी प्रयास करने के बावजूद तितली का बच्चा बाहर नहीं निकल पाया. उसने कुछ देर बाद फिर से कोशिश की. लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ.
यह देख व्यक्ति ने सोचा कि मुझे उसकी मदद करनी चाहिए. व्यक्ति ने अंडे को फोड़ दिया. तितली का बच्चा बाहर आ गया. लेकिन उसके पंख बहुत छोटे-छोटे और सिकुड़े हुए थे. व्यक्ति ने सोचा कि कुछ देर बाद तितली अपने आप उड़ने लगेगी. वह तितली के उड़ने की प्रतीक्षा करता रहा. लेकिन कुछ देर बाद भी तितली के पंख नहीं खुले और वह वहां रेंगती रही.
व्यक्ति समझ गया कि उसने बच्चे की मदद करके हमेशा के लिए उसे कमजोर बना दिया. तितली के बच्चे को अंडे से बाहर आने के लिए संघर्ष करना जरूरी था. इससे उसकी शक्ति बढ़ती और वह सही समय पर अंडा फोड़ कर खुद बाहर निकल आती. तब तक उसे पंख भी पूरी तरह से विकसित हो जाते. लेकिन उसका संघर्ष समय से पहले ही खत्म हो गया, जिसकी वजह से उसका सही विकास नहीं हो पाया और उसकी शक्ति बढ़ नहीं पाई.
कथा की सीख
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि संघर्ष करने से हमारी शक्ति बढ़ती है. इससे हमें आगे बढ़ने की शक्ति मिलती है. जब तक हम संघर्ष नहीं करेंगे हमारी योग्यता बाहर नहीं आ पाती.