एक बार एक व्यक्ति नगर के प्रसिद्ध ज्योतिषी के पास गया, उनसे बोला मेरी मृत्यु कब, कहां और किन परिस्थितियों में होने वाली है, ज्योतिषी ने उसका हाथ देखा और कहा कि तुम्हारे पिता को जितनी……

एक व्यक्ति अपने नगर से एक प्रसिद्ध ज्योतिषी के पास पहुंच गया और उस ज्योतिषी से पूछा कि गुरु जी मेरी मृत्यु कब, कहां और कैसी परिस्थितियों में होगी। यह प्रश्न सुनकर उस ज्योतिषी ने उस व्यक्ति का हाथ बहुत ही ध्यान पूर्वक देखा। थोड़ी देर बाद ज्योतिषी ने अपनी किताब में जोड़-घटाव किया और फिर उस व्यक्ति की माथे की रेखाएं देखने लगा। बाद में ज्योतिषी ने कहा कि जितने दिन आपके पिता जीवित रहेंगे उतनी ही आपकी उम्र होगी।

आपके पिता बूढ़े होने पर जिन अवस्थाओ में रहेंगे आपकी मृत्यु भी उन्हीं अवस्थाओं में होगी। जिस जगह पर आपके पिता की मृत्यु होगी, उसी जगह पर तुम्हारी भी मृत्यु होगी।

यह बातें सुनकर उस व्यक्ति को डर लगने लगा। वह तुरंत ही वृद्ध आश्रम गया क्योंकि उसने अपने पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ दिया था। बाद में वह व्यक्ति अपने पिता को वृद्ध आश्रम से अपने घर ले आया।

इसके बाद उसने अपने पिता की अच्छी तरह से देखभाल की। वो व्यक्ति चाहता था कि बुढ़ापे में मुझे किसी भी तरह की परेशानी ना हो। मुझे बुढ़ापे में सभी सुख-सुविधाएं मिले।

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि जो लोग अपने माता-पिता को बोझ मानते हैं और उनकी देखभाल नहीं करते हैं वे लोग अधर्मी होते हैं। जैसा हम कर्म करते हैं हमें वैसा ही फल मिलता है।

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