एक महिला समुंद्र के किनारे टहल रही थी, तभी किसी चीज पर पड़ा उसका पैर, जब रेत को हटाकर देखा तो चमक…….
समंदर किनारे टहलते हुए लोगों को अक्सर कुछ ऐसी चीजें मिल जाती हैं, जो बेशकीमती होती हैं. लेकिन यूरोप के देश चेक गणराज्य में एक महिला को अपने पैरों तले ऐसा खजाना मिला कि उसकी किस्मत बदल गई. पुरातत्वविदों के मुताबिक, गड़ा हुआ यह खजाना (Buried Treasure) मध्य युग का है और दशकों में एक बार ऐसी चीज नजर आती है.
फॉक्स न्यूज के मुताबिक, चेक एकेडमी ऑफ साइंसेज (ARUP) के पुरातत्व संस्थान ने बताया कि महिला बोहेमियन इलाके में कुटना होरा बीच पर घूम रही थी. तभी उसे पैरों के नीचे कुछ अजीब मालूम हुआ. रेत हटाकर देखा तो एक सिरेमिक कंटेनर में मिला. खोला तो उसमें 2,150 से अधिक चांदी के सिक्के मिले. यह देखकर महिला खुशी से झूम उठी.
कई तरह की धातुओं से मिलकर बने
पुरातत्वविदों के अनुसार, ये सिक्के साल 1085 और 1107 के बीच बनाए गए थे. इन्हें प्राग में तैयार किया गया था और बाद में इन सिक्कों को बोहेमिया में मंगाया गया. जांच के बाद विशेषज्ञों ने कहा, खजाने में मिले सिक्के कई तरह की धातुओं से मिलकर बने हैं. इनमें ज्यादातर मात्रा चांदी, उसके बाद तांबा, सीसा और ट्रेस धातुएं शामिल हैं. ये सिक्के तब के हैं, जिस समय के बारे में पुरातत्वविदों के पास अधिक जानकारी नहीं है. पुरातत्वविदों ने कहा, अगर इन सिक्कों में शामिल धातुओं के बारे में पता किया जाए, तो इनका इतिहास जानना आसान हो जाएगा.
आज तो इनकी कीमत करोड़ों रुपये
पुरातत्वविद फिलिप वेलिम्स्की ने कहा, हमें लग रहा कि उस वक्त राजनीतिक अस्थिरता ज्यादा थी. प्राग के सिंहासन को लेकर प्रीमिसल राजवंश के सदस्यों में विवाद चल रहे थे. उस समय लड़ाइयां आम बात थीं. इसलिए शायद लूट के ये पैसे छिपाकर रख दिए गए थे. तब इन सिक्कों का मूल्य बहुत अधिक था. आज तो इनकी कीमत करोड़ों रुपये होगी. पिछले एक दशक में खोजा गया यह सबसे बड़ा और बेशकीमती खजाना है. पुरातत्वविद अब इन सिक्कों का एक्सरे करेंगे और पता करेंगे कि इनमें किस धातु की कितनी मात्रा है. 2025 में होने वाली एक प्रदर्शनी में इसे पेश किया जाएगा.