एक राजा की कोई भी संतान नहीं थी, बुढ़ापे में उसे इस बात की चिंता सताने लगी कि उसकी मृत्यु के बाद आखिर राज्य कौन संभालेगा, मंत्रियों ने राजा को सलाह दी कि राज्य में से किसी योग्य व्यक्ति को राज्य का……
एक राजा संतानहीन था। जब राजा बूढ़ा हुआ तो उसे यही चिंता होने लगी कि उसकी मृत्यु के बाद राज्य कौन संभालेगा। मंत्रियों ने राजा को सलाह दी कि आप अपने राज्य के किसी योग्य व्यक्ति को अपना उत्तराधिकारी बना दें।
राजा ने राज्य के बच्चों को दिया एक-एक बीज
राजा को मंत्री की सलाह अच्छी लगी और उन्होंने अपने राज्य के सभी बच्चों को बुलाकर एक-एक बीज दिया। राजा ने बच्चों से कहा- यह बीज ले जाओ और अपने घर के गमलों में लगाओ। इसकी देखभाल करो। 6 महीने बाद जिसका पौधा सबसे अच्छा होगा, मैं उसे राजा बना दूंगा। सभी बच्चे बीज को अपने-अपने घर ले गए और गमले में बीज को लगा दिया। बच्चे रोज गमले में खाद डालते और सुबह शाम पानी देते। कुछ ही दिनों में बीजों से पौधे भी उगने लगे। सभी बच्चे अपने-अपने पौधे की अच्छी तरह से देखभाल कर रहे थे।
सिर्फ एक बच्चे के गमले में नहीं उगा पौधा
राजा ने जिन सभी बच्चों को बीज दिए थे, उनमें से केवल एक बच्चा ऐसा था जिसके बीज से पौधा नहीं उगा। वह बच्चा उदास रहने लगा। 3 महीने बीत गए। सब बच्चों के पौधों में फूल आने लगे। लेकिन उस बच्चे के गमले में पौधा नहीं उगा। वह सुबह शाम अपने गमले में पानी देता। इसी तरह 6 महीने हो गए। सभी बच्चे अपना-अपना गमला देकर राजा के पास पहुंचे। लेकिन वह बच्चा नहीं जा रहा था तो उसकी मां ने कहा कि तुम्हारे बीज नहीं उगा, लेकिन तुम्हें गमला लेकर राजा के सामने जाना चाहिए। वह बच्चा गमला लेकर राजा के दरबार में पहुंच गया।
सभी बच्चे राजा को दे रहे थे धोखा
कुछ ही देर में राजा-रानी ने बच्चों के गमले देखे। इसके बाद वह अंत में उस बच्चे के पास पहुंचे, जिसके बीज से पौधा नहीं उगा था। बच्चे ने राजा को बताया कि उसने बहुत मेहनत की। फिर भी बीज नहीं उगा। राजा ने सभी बच्चों से कहा कि मैंने आप लोगों को जो बीज दिए थे, वह सब खराब थे। उनसे पौधा उग नहीं सकता था। आप लोगों ने मुझे धोखा देने के लिए अपने-अपने बीज बदल लिए। लेकिन इस बच्चे ने कोई छल-कपट नहीं किया। बल्कि सच बोला। इस राज्य का राजा यही बनेगा, क्योंकि इसमें सच कहने का साहस है।
कथा की सीख
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें सदैव सत्य बोलना चाहिए। जो लोग छल-कपट करते हैं, उनको कभी सफलता नहीं मिलती।