एक राजा की तीन पत्नियां थी, उनमें से दो पत्नियों से राजा अत्याधिक प्रेम करता था, क्योंकि वे बहुत सुंदर थी, राजा अपनी तीसरी पत्नी की कोई कद्र नहीं करता था, कुछ समय के बाद राजा को गंभीर बीमारी हो गई…..
एक राजा की तीन पत्नियां थी। लेकिन वह केवल दो पत्नियों को प्रेम करता था, क्योंकि वे दोनों सुंदर थी और राजा अपनी तीसरी पत्नी की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता था। लेकिन वह फिर भी अपने पति से बहुत प्यार करती थी। कुछ समय बाद राजा को गंभीर बीमारी हो गई। इसके बाद राजा की मृत्यु का समय निकट आने लगा।
राजा ने अपनी दोनों प्रिय रानियों को बुलाकर कहा कि मैं अकेले भगवान के घर नहीं जाना चाहता, तुम भी मेरे साथ चलो। राजा की यह बात सुनकर उसकी दोनों पत्नियों ने कहा कि अभी हम दोनों जवान है, सुंदर हैं, हम अभी नहीं मरना चाहते। हमें अभी और जिंदगी है। हम आपकी मृत्यु के बाद किसी और राजा के साथ शादी कर लेंगी।
जब राजा ने अपनी पत्नियों की यह बात सुनी तो वह बहुत दुखी हो गया। इसके बाद राजा की तीसरी पत्नी आई और उसने कहा कि महाराज मैं आपके साथ मरने के लिए तैयार हूं। मुझे आपके बिना जीवन नहीं जीना है। फिर राजा को अपने किए पर पछतावा हुआ कि उसने जिस पत्नी की कद्र नहीं की, वह उसके लिए मरने के लिए तैयार है। राजा ने सोचा कि यही मुझसे सच्चा प्रेम करती है और उसने अपनी तीसरी पत्नी से माफी मांगी। इसके बाद तीसरी पत्नी ने राजा की अच्छे तरीके से देखभाल की, जिसके बाद राजा ठीक हो गया था।
कथा की सीख
हमें उसी इंसान से प्रेम करना चाहिए, जो हमसे प्यार करता हो। तभी हम जीवन में सुख-शांति से रह पाएंगे। नहीं तो हमें जीवन भर पछताना पड़ेगा।