एक राजा को पड़ोसी राजा ने उपहार के रूप में दो सुंदर कबूतर दिए, एक दिन राजा ने देखा कि उनमें से एक कबूतर ऊंचाई तक उड़ रहा है, लेकिन दूसरा कबूतर एक ही जगह पर बैठा हुआ है, फिर एक गरीब किसान…….
एक बार एक राजा अपने पड़ोसी राज्य में घूमने के लिए चला गया। पड़ोसी राज्य के राजा ने उस राजा की बहुत ही शानदार तरीके से मेहमान नवाजी की। कुछ दिन वहां बिताने के बाद राजा अब अपने राज्य में लौटने वाला था कि पड़ोसी राजा नहीं उसे बहुत ही सुंदर दो कबूतर दिए।
राजा उन दो कबूतरों को लेकर अपने महल लौट आया और उनकी देखभाल के लिए एक सेवक को भी नियुक्त कर दिया। अब वह सेवक सुबह शाम कबूतरों की देखभाल करता। वह कबूतरों के लिए दाना पानी का इंतजाम करता था। अचानक ही राजा कबूतरों का हाल जानने के लिए पहुंच गए।
सेवक ने राजा को बताया कि एक कबूतर बहुत ऊंचाई तक उड़ता है। लेकिन दूसरा डाली पर ही बैठा रहता है। राजा को यह जानकर बहुत ही दुख हुआ। वह सोचने लगा कि एक कबूतर उड़ता क्यों नहीं है।
राजा ने आदेश दिया कि मंत्रियों को बुलाया जाए। तुरंत ही सभी मंत्री हाजिर हुए। कोई भी इस बात का उत्तर नहीं दे पाया कि क्यों कबूतर ऊंचा नहीं उड़ता है। एक मंत्री ने कहा कि पक्षियों के जानकार को बुलाना चाहिए। राजा ने तुरंत ही पक्षियों के जानकार को बुलाया।
उसने पेड़ की डाली को देखा और उसे काट दिया। इसके बाद वह कबूतर बहुत ही ऊंचाई तक उड़ गया। किसान ने राजा से कहा कि महाराज इस कबूतर को इस डाली का मोह था। वह इसे नहीं छोड़ना चाहता था। लेकिन जब यह डाली काट दी गई तो उसे मजबूर होकर उड़ना पड़ा। राजा यह देखकर काफी प्रसन्न हुआ और पक्षियों के जानकार को स्वर्ण मुद्राओं से सम्मानित किया।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि जोखिम ना लेने वाले लोग जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाते हैं। अगर आप भी कुछ बड़ा करना चाहते हैं तो जोखिम जरूर लीजिए। तभी आपके सपने पूरे हो सकते हैं।