एक राजा बहुत ही बुद्धिमान और बहादुर था, राज्य की प्रजा भी उससे बहुत खुश रहती थी, लेकिन उसके शत्रु हमेशा ही उससे बहुत परेशान रहते थे, शत्रुओं ने मिलकर कई बार राजा पर आक्रमण भी किया, लेकिन…….
किसी राज्य का राजा बहुत ही बहादुर और बुद्धिमान था। राज्य की प्रजा बहुत ही खुश रहती थी। हालांकि शत्रु हमेशा परेशान करते रहते थे। शत्रु राजा पर कई बार हमला कर चुके थे। लेकिन वह राजा से हार गए। 1 दिन राजा के सभी शत्रुओं ने इकट्ठे होकर राजा को मारने की योजना तैयार की। महल के कुछ लोगों को भी शत्रुओं ने अपनी तरफ ले लिया।
शत्रुओं ने योजना के तहत राजा के खाने में नशीला पदार्थ मिलवा दिया जिसको खाते ही राजा बेहोश हो गया और कुछ गद्दारों ने राजा को बंधक बना लिया। वह राजा को शत्रुओं के पास ले गए। अब शत्रु सोच रहे थे कि राजा का क्या करना चाहिए। एक शत्रु ने कहा इसने हमें बहुत परेशान किया है। इसीलिए इसको आसान मौत नहीं देनी चाहिए। इसको हमें गुफा में बंद कर देना चाहिए। यह खुद ही मर जाएगा।
सभी शत्रुओं ने राजा को गुफा में छोड़ दिया और वहां से चले आए। गुफा को बड़े पत्थर से बंद कर दिया। कुछ समय बाद राजा को होश आ गया। राजा ने देखा गुफा में बहुत अंधेरा है। उसके हाथ भी बंधे हुए हैं। राजा ने कड़े प्रयास के बाद अपने हाथों को खोला। बाहर निकलने की राजा ने लाख कोशिश की। लेकिन उसको सफलता नहीं मिली।
राजा अब निराश हो गया। लेकिन राजा को अपनी मां का मंत्र याद आ गया। वह मंत्र था कुछ तो कर, ऐसे ही मत कर। राजा ने फिर से हिम्मत जुटाई और गुफा से बाहर निकलने का प्रयास करने लगा। लेकिन सांप ने राजा को डस लिया। राजा अब पूरी तरह से निराश हो गया। वो सोचने लगा कि अब मैं नहीं बच पाऊंगा। लेकिन उसने अपनी मां की बात याद की और चाकू निकालकर उस जगह को काट दिया। इस वजह से पूरा जहर बाहर निकल गया और राजा ने अपने घाव पर कपड़ा बांध लिया। राजा ने पत्थर को हटाने का प्रयास किया और पत्थर खिसक गया। वह पत्थर घाटी पर टिका था। राजा तुरंत घुफा से बाहर आ गया।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि अंतिम समय तक प्रयास करते रहना चाहिए। पता नहीं कब सफलता मिल जाए।