एक राज्य का राजा बहुत निर्दयी था, दूसरों को परेशान करने में उसे मजा आता था, समय-समय पर वह ऐसे नियम बनाता जिससे प्रजा परेशान हो जाती थी, एक बार उसने ऐसा नियम बनाया…..

किसी राज्य में एक निर्दयी राजा राज्य करता था, जिसको दूसरों को सताने में काफी मजा आता था। वह हर बार ऐसे नियम लागू करता था, जिससे उसकी प्रजा को परेशानी होती। उसने एक बार नियम बनाया कि राज्य में हर रोज एक दो व्यक्तियों को फांसी लगनी चाहिए। यह आदेश सुनते ही प्रजा दुखी हो गई और सब लोग समस्या के लिए प्रसिद्ध संत के पास गए और उसे सारी समस्या बताइ। लोगों ने संत को बताया कि अगर राजा लोगों को रोज फांसी दे देंगे तो कुछ ही दिनों में राज्य खाली हो जाएगा।

संत भी राजा की हरकतों पर काफी दिनों से नजर रखे हुए थे और वे अगले ही दिन राजा के दरबार में उनको समझाने पहुंचे। राजा ने संत का स्वागत किया और उनसे पूछा कि आप यहां क्यों आए हैं। तब संत ने कहा कि मैं आपसे एक प्रश्न पूछने आया हूं। राजा ने कहा- क्या प्रश्न है? संत ने कहा कि अगर आप किसी दिन जंगल में शिकार करने जाएं और रास्ता भटक जाएं, उस समय प्यार की वजह से आपके प्राण निकलने लगे। ऐसे में कोई व्यक्ति आपको सड़ा-गला पानी लाकर इस शर्त पर पिलाए कि तुम आधा राज्य से दे दोगे, तो तुम क्या करोगे?

राजा ने कहा कि प्राण बचाने के लिए मुझे आधा राज्य देना ही होगा। संत ने फिर कहा- अगर वह गंदा पानी पीकर आप बीमार हो जाओ और आपके प्राण संकट में आ जाएं। तब कोई व्यक्ति आपकी जान बचाने के लिए बाकी आधा राज्य मांग ले तो आप क्या करोगे? राजा ने कहा कि मैं अपने प्राण बचाने के लिए आधा राज्य भी उसे दे दूंगा। जब जीवन ही नहीं रहेगा तो राज्य कैसा।

संत ने राजा से कहा कि तुम अपने प्राणों की रक्षा के लिए राज्य लुटा सकते हो तो दूसरों के प्राण क्यों लेते हो। संत की यह बात सुनकर राजा अपनी गलती पर पछताने लगा और उसने फिर प्रजा के हित में कार्य करने का संकल्प किया।

लाइफ मैनेजमेंट

जब किसी व्यक्ति के पास कोई बड़ा पद होता है तो वह कुछ ऐसे निर्णय लेता है, जिससे दूसरों को परेशानी होती है। ऐसा करने से कुछ लोगों को बहुत मजा आता है। लेकिन वे लोग यह भूल जाते हैं कि हमारे ऊपर भी कोई बैठा है, जो हमें परेशान कर सकता है।

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