एक लड़के के जीवन से परेशानियां खत्म ही नहीं हो रही थीं, पैसे कमाने के लिए उसे कोई काम नहीं मिल रहा था, लगातार असफलता ही हाथ लग रही………
एक लड़का अपनी परेशानियों को देखकर बहुत ज्यादा घबरा गया था। उसको कोई भी काम नहीं मिल रहा था। वह पैसों की कमी से जूझ रहा था। वह निराश होकर 1 दिन संत के पास पहुंचा। संत काफी ज्यादा प्रसिद्ध थे। हर कोई उनसे अपनी परेशानी का हल खोजने जाता था और उसको हल भी मिल जाता था। लड़का भी यही सोचकर संत के पास गया था।
एक लड़का जीवन की परेशानियों से घबरा गया, उसे पैसे कमाने के लिए कोई भी काम नहीं मिल पा रहा था, लगातार मिल रही असफलताओं की वजह से वह काफी निराश हो गया, एक दिन वह हताश होकर एक संत के पास
उस लड़के ने संत को अपनी पूरी बात बता दी।संत ने लड़के से कहा कि तुम निराश मत हो। तुम्हें 1 दिन कोई ना कोई काम मिलेगा। तुम्हें निराश नहीं होना चाहिए। लड़के ने कहा महाराज मैं अपनी हिम्मत हार चुका हूं। अब मैं कुछ नहीं कर सकता। संत ने लड़के से कहा कि ठीक है मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं। इसके बाद तुझे समझ आ जाएगा।
संत ने बताया कि एक बार एक छोटे बच्चे ने बांस का और कैक्टस का पौधा लगाया। वह दोनों पौधों की बराबर देखभाल करता था। पौधों की देखभाल करते-करते 1 साल से ज्यादा का समय हो गया। कैक्टस का पौधा तो तेजी से पनप रहा था। लेकिन बांस का पौधा जस का तस था। हालांकि उस बच्चे ने हिम्मत नहीं हारी और बांस के पौधे की देखभाल करता रहा। कुछ महीने और बीत गए तो फिर बांस का पौधा भी पनपने लगा। वह पौधा कैक्टस से भी ज्यादा बड़ा हो गया था और वह लड़का काफी खुश था।
संत ने लड़के को बताया कि इसी तरह हमें अपनी जड़ें मजबूत करनी चाहिए। अगर हमारी जड़े मजबूत होगी तो हम अपने लक्ष्य को जल्दी हासिल कर पाएंगे। जब भी हमें जीवन में संघर्ष करना पड़े तो निराश नहीं होना चाहिए और हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। तेजी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ना चाहिए और परिणाम की चिंता नहीं करनी चाहिए । कभी-कभी होता है कि ज्यादा मेहनत करने के बाद परिणाम मिलता है। लेकिन वह काफी अच्छा होता है।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि ज्यादातर लोग अपनी परेशानियों से हार जाते हैं और उनका सामना नहीं करते। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। जब तक परेशानी खत्म नहीं हो जाती तब तक उनका हल ढूंढना चाहिए।