एक व्यक्ति गुब्बारों को बेचकर अपनी जीविका चलाता था, रोजाना सुबह वह घर से निकलता और शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर गुब्बारे…..
एक व्यक्ति गुब्बारे बेचकर अपने जीवन का खर्चा चलाता था। वह हर रोज सुबह घर से निकलता था और शहरों में जाकर अलग-अलग क्षेत्रों में गुब्बारे बेचता था। वह कई सारे रंग के गुब्बारे बेचता था। जब उस व्यक्ति को लगता था कि मेरे गुब्बारों की बिक्री नहीं हो रही है तो वह एक गुब्बारे को हवा में उड़ा देता था। उड़ते हुए गुब्बारों को देखकर कई सारे बच्चे उसके पास गुब्बारे खरीदने आ जाते थे।
जब एक दिन उस व्यक्ति के गुब्बारे नहीं बिके तो उसने एक सफेद गुब्बारा हवा में उड़ा दिया। उसके पास सिर्फ एक बच्चा ही खड़ा था। उस बच्चे ने गुब्बारे वाले से सवाल किया क्या यह लाल गुब्बारा भी हवा में उड़ जाएगा। उस गुब्बारे वाले ने बच्चे को बताया यह गुब्बारा भी ऊपर जरूर जाएगा।
उसने बच्चे को बताया कि गुब्बारे का ऊपर जाना इस बात पर निर्भर नहीं करता कि वह किस रंग का है। गुब्बारे के अंदर क्या है, उसकी वजह से ही गुब्बारा ऊपर उड़ जाएगा। गुब्बारों में मैंने गैस भरी है जिस वजह से यह गुब्बारे ऊपर उड़ जाते हैं। यदि हम इन में हवा भरेंगे तो यह नीचे ही रहेंगे, नहीं उड पाएंगे।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि सफलता इस बात पर निर्भर नहीं करती कि हमारा रंग रूप कैसा है, बल्कि हमारी सोच पर निर्भर करती है। जो लोग सकारात्मक होते हैं वह सफल जरूर होते हैं। जबकि नकारात्मक लोग कभी भी सफल नहीं हो पाते।