एक व्यक्ति बहुत गरीब था, उसके पास कुछ भी नहीं था, वह हमेशा दुखी रहता था, एक दिन वह गांव के विद्वान संत के पास गया और अपनी सारी परेशानियां उन्हें बता दी, संत को उस पर दया आ गई और उन्होंने गरीब को……

एक व्यक्ति बहुत गरीब था. उसके पास कुछ नहीं था. वह दुखी रहता था. एक दिन वह विद्वान संत के पास गया और उन्हें अपनी परेशानियों से अवगत कराया. संत को उस पर दया आई और उन्होंने उस गरीब को पारसमणि दे दी. संत ने उस व्यक्ति से कहा- तुम जितना चाहे उतना सोना बना लो. इससे तुम्हारी गरीबी दूर हो जाएगी.

पारस पत्थर मिलने के बाद गरीब व्यक्ति ने बहुत सारा सोना बना लिया और वह धनवान हो गया. लेकिन अब उसे इस बात की चिंता सताने लगी कि कहीं चोर उसका खजाना ना ले जाए या राजा उसका खजाना ना छीन ले. इसके बाद भी उसके जीवन में सुख चैन नहीं था.

एक दिन फिर से संत उस व्यक्ति के पास आए. संत ने उससे कहा कि अब तो तुम्हारी गरीबी दूर हो गई है. तुम्हारे पास सब कुछ है. उस व्यक्ति ने कहा कि महाराज मेरे पास धन तो बहुत है. लेकिन शांति नहीं है. आप कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे मेरा मन शांत हो जाए और मेरा सारा डर खत्म हो जाए.

संत ने कहा- ठीक है तुम मणि मुझे वापस दे दो. इसके लिए व्यक्ति ने मना कर दिया और कहा कि मैं आपको पारस पत्थर वापस नहीं दे सकता. अगर मैं ऐसा करूंगा तो फिर से गरीब हो जाऊंगा. आप मुझे कोई ऐसा सुख दीजिए, जो अमीरी और गरीबी में बराबर मिलता रहे और मृत्यु के समय भी कम ना हो.

संत ने उससे कहा कि तुम्हें ऐसा सुख भगवान की निस्वार्थ भक्ति से ही मिल सकता है. जो लोग बिना किसी स्वार्थ के भक्ति करते हैं, वह अमीरी-गरीबी और मृत्यु के समय सुखी ही रहते हैं. जो लोग स्वार्थी होते हैं वह जीवन में हमेशा दुखी रहते हैं. इसीलिए भगवान की बिना स्वार्थ के भक्ति करनी चाहिए.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *