एक सांप अपने आपको बहुत ज्यादा ताकतवर समझता था, उसके बिल के पास ही चीटियों का एक बहुत बड़ा झुंड भी रहता था, सांप रोजाना उनकी जगह को बर्बाद कर देता था……

पुरानी लोक कथाओं के मुताबिक पुराने समय में एक सांप खुद को सबसे ज्यादा ताकतवर मानता था। जहां पर सांप का बिल था, उसके पास ही चीटियों का झुंड भी रहता था। सांप चींटियों के झुंड के पास से प्रतिदिन निकलता था और उनके रहने की जगह को नष्ट कर देता था। वह सांप कई चीटियों को भी खा जाता था। इस बात से चीटियां बहुत परेशान रहती थी।

एक दिन चीटियों ने इसका समाधान निकालने के लिए सांप के बिल के पास कुछ कांटे लाकर रख दिए। जब अगले दिन सांप बिल से बाहर निकला तो उसके शरीर पर छोटे-छोटे घाव हो गए। चीटियों ने सांप के छोटे-छोटे घाव पर हमला कर दिया।

जब चीटियां सांप को काट रही थी तो सांप को बहुत दर्द हुआ। उसने थोड़ी-सी चीटियों को खा लिया। लेकिन चीटियों की संख्या बहुत अधिक थी। उसके छोटे-छोटे घाव चीटियों के काटने की वजह से और भी ज्यादा बढ़ गए। चीटियां सांप का मांस खाने लग गई और कुछ देर बाद सांप की मौत हो गई। चींटियों के झुंड ने मिलकर सांप का शिकार किया।

कहानी की शिक्षा

इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि कभी भी किसी को छोटा नहीं समझना चाहिए। सांप ने चींटी को छोटा समझा था। लेकिन उन्हीं चीटियों ने सांप की जान ले ली। अगर हमारा शत्रु हमसे बड़ा है। लेकिन हम उसके सामने एकता से डटे रहेंगे तो शत्रु को परास्त किया जा सकता है।

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