एक सेठ दिन-रात बस धन कमाने में ही लगा रहता था, उसके घर में उसकी पत्नी और एक छोटा बेटा था, घर में सुविधा की हर चीज मौजूद थी, वह अपने परिवार वालों को ज्यादा समय नहीं देता……
एक सेठ धन कमाने के लिए दिन रात लगा रहता था। उसकी एक पत्नी और एक छोटा बेटा था। घर में उसके सुख सुविधा का सभी सामान मौजूद था। लेकिन वह अपने परिवार वालों को समय नहीं दे पाता था और वह अपने परिवार वालों को महत्व नहीं देता था।
रात में 1 दिन उसके घर में आग लग गई। सेठ की पत्नी ने कहा कि जल्दी से पूरा धन बाहर रख दो, वरना हम बर्बाद हो जाएंगे।
जलते हुए घर में पति और पत्नी दोनों धन बचाने में लग गए। वह घर से धन बाहर निकाल कर रख रहे थे, तभी उनके एक पड़ोसी ने पूछा कि आपका बेटा कहां है।
इतना सुनकर दोनों की हालत खराब हो गई। धन निकालने के चक्कर में वे अपने बेटे को भूल गए। पति-पत्नी अपने बेटे के कमरे की ओर भागे। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उनका बेटा पूरा जल गया।
बाद में सेठ और उसकी पत्नी को बहुत पछतावा हुआ। सेठ का पूरा परिवार बिखर गया और बुरी तरह बर्बाद हो गया।
कहानी की शिक्षा
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि जो लोग परिवार से ज्यादा धन को महत्व देते हैं ।उनको कभी ना कभी पछताना पड़ता है। अगर हम अपने परिवार वालों को समय देंगे तो हम कुछ भी सुधार कर सकते हैं। धन हाथ का मैल है जो कभी भी आता जाता है। लेकिन परिवार वालों के साथ समय बिताना बहुत ही आवश्यक होता है।