कपड़े को सूंघकर कुत्ते लगा लेते हैं इस जानलेवा बीमारी का पता
आपने अक्सर फिल्मों में देखा होगा कि कुत्ते सूंघकर बम वाली जगह को पहचान लेते हैं. इसके अलावा लाश का पता लगाने के लिए भी कुत्तों का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन अब कुत्तों को ऐसी ट्रेनिंग दी गई है जिससे वह मलेरिया का पता लगा सकेंगे. कुत्ते आपके गंदे मोजे सूंघकर ही यह बता सकेंगे कि आपको मलेरिया है या नहीं. दुनिया भर में हर साल मच्छरों के काटने से बहुत ज्यादा मौतें होती हैं.
मलेरिया की वजह से 2016 में विश्व में लगभग साढ़े 4 लाख लोग मारे गए. मलेरिया का इलाज है. लेकिन अगर इसके लक्षणों की पहचान नहीं हो पाती तो इलाज में देरी होती है और व्यक्ति की जान चली जाती है. मलेरिया का पता लगाने के लिए खून को जांच के लिए लैब में भेजा जाता है और रिपोर्ट आने में समय लगता है.
यूके में अलग अलग नस्ल के कुत्ते को ट्रेनिंग दी जा रही है कि कैसे मौजों को सूंघकर बीमारी की पहचान की जा सकती है. इन्हीं कुत्तों ने पश्चिमी अफ्रीका के गैंबिया में मलेरिया के मरीजों की पहचान की. जांच में पुष्टि हुई कि उन लोगों को मलेरिया है. शोधकर्ताओं का मानना है कि इन प्रशिक्षित कुत्तों को एयरपोर्ट जैसी जगहों पर रखा जा सकता है, ताकि वहां आने जाने वाले लोगों की जांच हो सके जिनमें मलेरिया की आशंका ज्यादा होती है. ऐसे में मलेरिया को फैलने से रोका जा सकता है.
ब्रिटेन के दुदुरहैम यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ बायोसाइंस में कुत्तों की ट्रेनिंग हुई, जिसके बाद यह निष्कर्ष अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन में छपे. शोधकर्ताओं ने मौजों के 175 सैंपल इकट्ठे किए, जिनमें 30 मोजे उन बच्चों के थे जिनके रक्त में प्लाज्मोडियम फेल्सिपेरस नामक मलेरिया के परजीवी मौजूद थे. कुत्तों ने बीमारी और स्वस्थ लोगों के मौजों को अलग करने में 90% सफलता पाई. एक तीसरे कुत्ते को भी मलेरिया डिटेक्शन ट्रेनिंग दी गई और वह भी इस पर खरा उतरा.