किसी गांव में एक गरीब किसान रहता था, वह काफी मेहनत करता लेकिन फिर भी उसके जीवन से गरीबी खत्म नहीं हो रही थी, एक दिन वह किसान गांव के…….
एक गरीब किसान कड़ी मेहनत करता था। लेकिन उसकी गरीबी खत्म नहीं हो रही थी। वह गांव के प्रसिद्ध संत के पास गया और अपनी सभी समस्याएं बता दी। संत ने गरीब से कहा कि मैं तुम्हारे घर आकर तुम्हारी हालातों का जायजा करूंगा और फिर समाधान बताऊंगा।
संत 1 दिन गरीब के घर पहुंच गए। संत बहुत ही विद्वान थे। हालांकि उस वक्त घर पर किसान नहीं था। किसान की पत्नी ने संत से कहा कि वह तो खेत पर गए हुए हैं। मैं अभी अपने बच्चे को उनको बुलाने के लिए भेजती हूं। आप कुछ समय प्रतिक्षा करें। वह बच्चा तुरंत ही खेत पर अपने पिता को बुलाने के लिए चला गया। किसान को जब यह पता चला तो वह दौड़ा दौड़ा अपने घर पर आया। किसान के पास एक पालतू कुत्ता भी था। वह भी किसान के साथ आया था और जोरों से हांफ रहा था।
कुत्ते की हालत देखकर संत ने किसान से पूछा क्या तुम्हारा खेत ज्यादा दूर है। किसान ने कहा कि नहीं खेत पास में ही हैं। किसान ने पूछा कि गुरु जी आपको ऐसा क्यों लग रहा है। संत ने बताया कि तुम्हें देखकर मुझे काफी आश्चर्य हो रहा है। तुम और तुम्हारा कुत्ता एक साथ आए हैं। लेकिन तुम बिल्कुल भी थके हुए नहीं हो, जबकि तुम्हारा कुत्ता जोरों से हांफ रहा है।
किसान ने बताया कि हम दोनों एक ही रास्ते से आए हैं। मेरा खेत पास में ही है। मुझे थकान महसूस नहीं हो रही है। लेकिन मेरा कुत्ता थक गया है। इसके पीछे की वजह यह है कि मैं सीधे रास्ते से चलकर घर आया। कुत्ता अपनी आदत से मजबूर है। संत ने पूछा कि ऐसा क्या तो किसान ने बताया कि जब भी ये कुत्ता दूसरों को देखता है तो हांफने लगता है और फिर उनके पीछे दौड़ता है। कुछ समय बाद यह मेरे पास वापस आ जाता है। इसी कारण यह थक गया है।
संत ने बताया कि इसी तरह हमारे साथ भी होता है। हम एक लक्ष्य को नहीं बल्कि कई लक्ष्यों को एक साथ पाना चाहते हैं यानी कि हम जब तक एक लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेते तब तक दूसरे लक्ष्य की ओर भागने लगते हैं। हम अपनी परेशानियों और दूसरों के दुखों को देखकर परेशान होने लगते हैं। हमें अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि यदि हम दूसरों के सुखों पर ध्यान देंगे तो हम कभी भी सफल नहीं हो पाएंगे और परेशान रहेंगे।