किसी गांव में एक लड़का रहता था, उसके माता-पिता नहीं थे, वह बहुत ज्यादा गरीब था, इस कारण पढ़ाई भी नहीं कर पाया, जैसे तैसे करके वह अपना गुजारा कर रहा था, एक दिन उसने सोचा कि गांव में रहकर तो……
एक गांव में गरीब लड़का रहता था जिसके माता-पिता नहीं थे। वह अनाथ था और इसी कारण वह पढ़ाई नहीं कर पाया। वह बहुत ही मुश्किल से अपने जीवन का गुजारा कर रहा था। उस लड़के ने सोचा कि मैं इस गांव में रहकर ज्यादा कमाई नहीं कर पाऊंगा। इसीलिए बड़े नगर में जाकर कमाई करनी चाहिए। इसी कारण वह पास के नगर में ही नौकरी की तलाश करने के लिए चला गया।
लेकिन जब वह नगर में पहुंचा तो काफी थक गया था और उसको भूख लग रही थी। उसकी हालत खराब हो गई। उसने नगर के एक व्यापारी को अपनी परिस्थिति की जानकारी दी। वह व्यापारी बहुत दयालु था। इसलिए उस व्यापारी ने लड़के को जंगल में पेड़ काटने की नौकरी दे दी और खाना भी खाने के लिए दिया।
उसने काम के पहले दिन जोश जोश में जंगल के 17 पेड़ों को काट दिया। व्यापारी अब बहुत खुश हो गया। अगली बार वह लड़का सिर्फ 13 पेड़ ही काट पाया। लड़के को थोड़ी निराशा हुई। व्यापारी ने पर कुछ नहीं था। लड़के ने तीसरे दिन सिर्फ 10 पेड़ ही काटे।
वह लड़का यह नहीं समझ पा रहा था कि आखिर हर रोज ऐसा क्यों हो रहा है। दिन पर दिन मेरे पेड़ काटने की संख्या कम होती जा रही है। लड़के ने व्यापारी से इसकी वजह पूछी।
व्यापारी ने कहा कि तुम्हारी कुल्हाड़ी की धार दिन पर दिन कम होती जा रही है। इसीलिए तुम्हें पेड़ काटने में समय लगता है। लड़के ने कहा कि मुझे कुल्हाड़ी की धार तेज करने के लिए समय नहीं मिलता।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि किसी भी काम की शुरुआत करने से पहले अपने अंदर की प्रतिभा और उस काम की जानकारी होनी चाहिए। अन्यथा कुछ भी हासिल नहीं होगा।