किसी गांव में दो गरीब किसान रहा करते थे, उन दोनों के पास थोड़ी-थोड़ी सी जमीन थी, उसी जमीन के सहारे उन दोनों के खाने-पीने की व्यवस्था होती थी, संयोग से उन दोनों की मृत्यु एक ही साथ हो गई, जब दोनों की आत्मा……
किसी गांव में दो करीब किसान रहा करते थे। दोनों के पास थोड़ी-थोड़ी जमीन थी और इसी जमीन पर खेती करके उनके जीवन का गुजारा चलता था। लेकिन संयोगवश दोनों एक ही साथ मर गए। दोनों की आत्मा एक साथ यमलोक पहुंची, जहां यमराज ने उनसे कहा कि तुम दोनों का जीवन बहुत अच्छा रहा। अगले जन्म में तुम क्या बनना चाहते हो।
यह सुनकर एक किसान बोला कि मेरा तो पूरा जीवन कंगाली में ही बीता। मैंने दिन रात मेहनत की, खेतों में बैलों की तरह काम किया। मेरे परिवार को पैसे के लिए तरसना पड़ा। ऐसा जीवन कैसे अच्छा हो सकता है। यमराज ने कहा- ठीक है, अब तुम यह बताओ कि तुम अगले जन्म में क्या बनना चाहते हो।
किसान ने यमराज से कहा कि भगवान अगले जन्म में कुछ ऐसा कीजिए कि मुझे कभी किसी को कुछ ना देना पड़े। मुझे चारों ओर से पैसे मिलें। मुझे काम करने की जरूरत ना पड़े। यमराज ने तथास्तु कह दिया और वे दूसरे के पास चले गए।
यमराज ने दूसरे किसान से पूछा तो दूसरा किसान बोला- मुझे अच्छा जीवन, अच्छा परिवार, थोड़ी सी जमीन मिली, जिससे मेरा और मेरे परिवार का पालन हुआ। मेरे जीवन में सुख शांति थी। बस एक ही कमी थी कि कभी कभी मेरे घर आए लोगों को खाली हाथ लौटा देता था, क्योंकि मेरे पास उनके देने के लिए कुछ भी नहीं था।
यमराज ने कहा- तुम अगले जन्म में क्या बनना चाहते हो। किसान बोला कि भगवान मुझे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए। बस कुछ ऐसा कीजिए कि कोई मेरे घर से खाली हाथ ना लौटे। जो मेरे घर आए, मैं उसे भरपेट भोजन करा सकूं। यमराज ने तथास्तु कह दिया।
दोनों किसानों ने अगला जन्म ले लिया। एक किसान जो गुस्सा कर रहा था, वह गांव का सबसे बड़ा भिखारी बन गया और सब लोग उसे पैसा देते और उसे किसी को कुछ भी नहीं देना पड़ता, जबकि दूसरा किसान गांव का सबसे धनवान व्यक्ति बन गया। उसके यहां से कोई भी व्यक्ति खाली हाथ नहीं लौटता था। वह सभी लोगों की मदद करता था।
कथा की सीख
भगवान ने हमें जो दिया है हम उसी में खुश रहना चाहिए। समय अच्छा-बुरा नहीं होता। हमारी सोच उसे अच्छा बनाती है। अगर हम सकारात्मक रहेंगे तो हम खुश रहेंगे।