किसी गांव में परमेष्ठी नाम का एक दर्जी रहता था, वह भगवान का बहुत बड़ा भक्त था, दिल का साफ इंसान भी था, जो भी उसके पास अपने कपड़े सिलवाने आते थे, वे सभी लोग अच्छी तरह से जानते थे कि…….

करीब 400 साल पुराना किस्सा है। परमेष्ठी नाम का एक दर्जी था। वह भगवान का परम भक्त था और बहुत खुले दिल का इंसान था। उसके यहां जो लोग कपड़े सिलाने आते थे, वे जानते थे कि हुनर तो परमेष्ठी में है ही, लेकिन ये बहुत अच्छा व्यक्ति भी है।

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परमेष्ठी के पास बैठकर लोगों को बहुत सकारात्मक ऊर्जा मिलती थी। उसके यहां बड़े-बड़े नवाब, जमींदार, व्यापारी कपड़े सिलाने आते थे। जिस राज्य में वह रहता था, वहां के बादशाह ने अपने पैरों के नीचे बिछाने के लिए एक कालीन बनवाई, लेकिन बादशाह को कालीन पसंद नहीं आई।

बादशाह ने दरबारियों से कहा, ‘इस कालीन के कपड़े से तकियों की खोल बनवाई जाए। बादशाह को भी परमेष्ठी का काम पसंद था तो दर्जी के पास कालीन का कपड़ा भेज दिया गया। परमेष्ठी ने खोल बनाई और उसमें रुई भरी, इत्र भी डाला और बहुत अच्छे ढंग से कपड़े की उस खोल से तकिए बना दिए।

परमेष्ठी ने बहुत ही सुंदर दो तकिए बनाए थे, उनमें से महक आ रही थी। बादशाह को तकिए देने के लिए परमेष्ठी महल की ओर चल दिया। रास्ते में भगवान के जगदीश स्वरूप की रथयात्रा निकल रही थी। भीड़ में परमेष्ठी भी भगवान के रथ को और मूर्ति को देखने लगा। इस दौरान उसने देखा कि भगवान की मूर्ति जहां रखी है, वहां का कपड़ा फटा हुआ है, उसे ठीक नहीं लगा तो उसने तुरंत एक तकिया वहां दे दिया।

सभी पुजारी इतना सुंदर तकिया देखकर बहुत प्रसन्न हो गए। रथयात्रा आगे निकल गई तब परमेष्ठी को याद आया कि जब बादशाह पूछेंगे तो क्या जवाब दूंगा।

परमेष्ठी एक तकिया लेकर दरबार में पहुंचा और बादशाह को पूरी घटना बताई कि उसने एक तकिया जगदीश को चढ़ा दिया है, जो दुनिया का बादशाह है।

ये सुनते ही बादशाह ने परमेष्ठी को कैद में डाल दिया।

परमेष्ठी जेल में भी भगवान को याद कर रहा था कि हम तो जेल में आ गए, लेकिन आपको तो अच्छा तकिया मिल गया।

अगले दिन अचानक बादशाह ने जेल के दरवाजे खुलवाए और कहा, ‘परमेष्ठी मैं नहीं जानता कि तुमने किस जगदीश को वो तकिया चढ़ाया, लेकिन आज मेरे सपने में एक दिव्य आकृति आई और उसने मुझे आदेश दिया कि मैं परमेष्ठी को आजाद कर दूं। इसलिए मैं तुम्हें आजाद कर रहा हूं।’

सीख – अगर हमसे कोई नियम टूट जाए, लेकिन हमारी नीयत अच्छी है तो हमें नुकसान नहीं होता है। भगवान उन लोगों की मदद करते हैं, जो अच्छे काम करते हैं। इसलिए गलत कामों से बचना चाहिए।

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