किसी देश का राजा बहुत बुद्धिमान था, वह हर काम काफी सोच-विचार कर करता था, राजा को अपने लिए एक निजी सहायक नियुक्त करना चाहता था, ये काम काफी…..
किसी देश में एक राजा राज्य करता था। वह बहुत बुद्धिमान था और सारे काम सोच-समझकर करता था। एक बार राजा को अपना निजी सहायक नियुक्त करना था। यह काम बहुत आसान था। लेकिन राजा ने सोचा कि निजी सहायक मेरे साथ रहता है तो बहुत ही खास बातें जान लेता है। इसलिए उसने पहले निजी सहायक की परीक्षा लेनी चाही।
काफी खोजबीन के बाद तीन लोग राजा के दरबार में आए। राजा ने उनसे एक ही प्रश्न पूछा- अगर इत्तेफाक से मेरी और तुम्हारी दाढ़ी में एक साथ आग लग जाए तो तुम क्या करोगे? पहला व्यक्ति ने उत्तर दिया कि सबसे पहले मैं आपकी दाढ़ी में लगी आग बुझाऊंगा, बाद में अपनी।
दूसरा व्यक्ति बोला- पहले आपकी दाढ़ी की आग बुझाऊंगा, फिर अपनी दाढ़ी की चिंता करूंगा। लेकिन तीसरा व्यक्ति बोला कि एक हाथ से मैं आपकी दाढ़ी की आग बुझाऊंगा और दूसरे हाथ से अपनी।
राजा ने पहले व्यक्ति को लेकर कहा कि इसने जो कहा है, वह अव्यावहारिक है। ऐसा दुनिया में कोई नहीं कर सकता। वहीं दूसरे व्यक्ति के बारे में भी जाने में राजा ने कहा कि समय आने पर लोग पहले अपने बारे में सोचते हैं फिर दूसरों के बारे में। दूसरा व्यक्ति स्वार्थी है।
राजा ने तीसरे वाले व्यक्ति के बारे में कहा कि तीसरे व्यक्ति ना स्वार्थी है और अव्यवहारिक है। वह समझदार है, क्योंकि उसने एक समय मे खुद की समस्या का समाधान भी किया और दूसरे की भी। इसके बाद राजा ने तीसरे व्यक्ति को निजी सहायक नियुक्त कर लिया।
लाइफ मैनेजमेंट
अगर हम किसी व्यक्ति को कोई महत्वपूर्ण कार्य सौंते हैं तो हमें यह देख लेना चाहिए कि वह व्यक्ति इस कार्य के लिए योग्य है या नहीं। अगर हम गलत व्यक्ति को महत्वपूर्ण कार्य सौंप देंगे तो हमें बाद में पछताना पड़ेगा।