किसी शहर में एक व्यक्ति आइस फैक्ट्री में नौकरी किया करता था, एक बार वह रात में उस फैक्ट्री के अंदर अकेला फंस गया, उसे लगने लगा ठंड के कारण सुबह तक उसकी मौत…….
आइस फैक्ट्री में काम करने वाला युवक बहुत ही ईमानदार था। वह अपना काम मेहनत और लग्न से करता था। हर कोई उस युवक से फैक्ट्री में प्रभावित था। वह सभी के साथ मिलजुल कर रहता था। एक दिन जब वह आइस फैक्ट्री में कार्य कर रहा था तो अचानक के मशीन बिगड़ गई और वो उसे ठीक करने में लग गया। उसे काम करते करते समय का ध्यान नहीं रहा। घर पर जाने का भी समय हो गया था। बहुत सारे कर्मचारी घर पर जाने लगे। लेकिन वह व्यक्ति अपना काम खत्म करके ही घर जाने की सोच रहा था। जब तक उसका काम पूरा हुआ तब तक सभी कर्मचारी अपने घर पर चले गए।
सिक्योरिटी गार्ड को लगा कि फैक्ट्री में कोई भी कर्मचारी नहीं है। सिक्योरिटी गार्ड ने फैक्ट्री की सभी लाइटें बंद कर दी और मैन गेट भी बंद कर दिया। बाद में वह मेहनती युवक मेन गेट पर पहुंचा तो उसने दरवाजा बंद देखा। वह समझ चुका था कि सिक्योरिटी गार्ड ने बाहर से गेट बंद किया है और उसे वहीं पर रात गुजारने पड़ेगी।
लेकिन फैक्ट्री के अंदर हवा नहीं थी, जिस कारण वहां ज्यादा देर तक रहना मुश्किल था। ठंड का मौसम था आदमी को लगने लगा कि वह अब जिंदा नहीं बचेगा क्योंकि सुबह तक उसकी मौत हो जाएगी। कुछ घंटे बित पाए कि उसको सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
बाद में उसने देखा कि एक आदमी टॉर्च लेकर आया है जो फैक्ट्री का सिक्योरिटी गार्ड है। सिक्योरिटी गार्ड ने उस आदमी की मदद की और कर्मचारी को फैक्ट्री से बाहर निकाला। कुछ देर बाद वह आदमी ठीक हो गया जिसके बाद आदमी ने पूछा कि तुम्हें कैसे पता चला कि मैं फैक्ट्री के अंदर हूं।
सिक्योरिटी गार्ड ने कहा कि आप फैक्ट्री के एकमात्र ऐसे कर्मचारी हैं जो जाते वक्त मुझसे नमस्कार करते हैं और कहते हैं कि बाद में फिर मिलेंगे। आज सुबह आप ड्यूटी पर आए थे। लेकिन मुझे नमस्कार नहीं किया। मुझे शंका हुई कि आप फैक्ट्री में ही रह गए हैं और मैं देखने चला आया। उस युवक ने सिक्योरिटी गार्ड को धन्यवाद किया और अपने घर पर चला गया।
कहानी की शिक्षा
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि सभी को एकजुट होकर रहना चाहिए। हमें अपने पद का बिल्कुल भी घमंड नहीं करना चाहिए, क्योंकि कभी भी किसी का भी बुरा वक्त आ सकता है और किसी भी व्यक्ति की जरूरत पड़ सकती है।