क्या आप जानते हैं सड़क पर क्यों बनी होती है सफेद पट्टियों की जेब्रा क्रॉसिंग, जानिए

लोगों को आप सभी ने सड़क पार करते हुए जरुर देखा होगा। अक्सर लोग सड़क पार करने के लिए सफेद पट्टियों का इस्तमाल करते हैं। आमतौर इन को जेब्रा क्रॉसिंग कहा जाता है। ये जेब्रा क्रॉसिंग लोगों की सुविधा और सुरक्षा के लिए बनाए जाते हैं जिससे गाड़ी चलाने वाले और रोड क्रॉस करने वालों को पता रहे कि रास्ता कहां से क्रॉस करना है। मगर सवाल यह है, की इस  सफेद -काली पट्टियों का क्या मतलब होता है। हम आप को बताना चाहते हैं कि जेब्रा क्रॉसिंग नाम कैसे पड़ा।

द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार इंग्लैंड में जब ट्रैफिक बढ़ने लगा और सड़कों पर जाम और अव्यवस्था की स्थिति बनने लगी। तब जाकर यहां जेब्रा क्रॉसिंग 1930 में बनाइ गई।  यह केवल एक एक्सपेरिमेंट के तौर पर बनाया गया था। एक दिन एक ब्रिटिश मंत्री को उस क्रॉसिंग के निरीक्षण के लिए नियुक्त किया गया। जिसके बाद उन्होंने काले और सफेद रंग की क्रॉसिंग को देख कर जेब्रा प्रिंट जैसा दिखने वाला बताया। इसी के बाद से क्रॉसिंग को जेब्रा क्रॉसिंग के नाम से जाना जाने लगा।

क्रॉसिंग बनाने से पहले कई अलग-अलग रंगों का इस्तमाल किया गया था। पर सबसे सही और सटीक सफेद धारियां लग रही थीं। क्योंकि सड़क को डामर से बनाया जाता है, और डामर काले रंग का होता हैं। ऐसे में जब उनपर सफेद धारियां प्रिंट की जाती हैं,तो वो कंट्रास्ट में दिखने लगती हैं। यह धारियां चलने वालो तो आसानी से नजर आ जाती हैं। इसलिए तभी से जेब्रा क्रॉसिंग को काला-सफेद माना जाने लगा। लेकिन इस के बाद समय के हिसाब से क्रॉसिंग के डिजाइन में काफी परिवर्त भी हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक स्पेन में एक शहर है जिसमें पट्टियों की जगह पोल्का डॉट्स का इस्तमाल किया जाता है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि उस जगह की गायों के शरीर पर इसी तरह के डॉट्स बने होते हैं। इसलिए इस क्रॉसिंग को काउ क्रॉसिंग के नाम जाना जाता है। इसी तरह हॉन्ग कॉन्ग में पीली पट्टियां वाली क्रॉसिंग बनाई गई जिसके बाद से उसे टाइगर क्रॉसिंग कहा जाता है। 

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