घर के बाहर तो हर कोई संत का सम्मान करता था, लेकिन घर में पत्नी हर समय देती रहती थी ताने, एक दिन सभी शिष्यों के सामने पत्नी ने…..
यूनान के महान दार्शनिक सुकरात के बारे में तो आप लोग जानते होंगे। सुकरात बहुत ही नम्र स्वभाव थे और वे हमेशा शांत रहते थे। उन्होंने कभी अपने शिष्यों के सामने किसी भी प्रकार का गुरुभाव व्यक्त नहीं किया। लेकिन सुकरात की पत्नी उतनी ही कटु स्वभाव की थी। वह छोटी-छोटी बातों पर उनसे लड़ाई करती थी। लेकिन सुकरात कभी अपनी पत्नी के तानों का जवाब नहीं देते थे।
एक दिन सुकरात अपने शिष्यों के साथ घर के आंगन में बैठे हुए थे और किसी विषय पर चर्चा हो रही थी। लेकिन तभी उनकी पत्नी ने घर के भीतर से उनको किसी काम के लिए आवाज लगाई। लेकिन सुकरात अपने शिष्यों से बातचीत करने में इतने व्यस्त थे कि उन्होंने अपनी पत्नी की आवाज पर ध्यान नहीं दिया।
पत्नी ने बार-बार ने पुकारा, लेकिन जब उन्होंने नहीं सुना तो उनकी पत्नी बहुत ज्यादा गुस्सा हो गई। इसके बाद सुकरात की पत्नी ने उनके शिष्यों के सामने एक घड़ा पानी लाकर उनके ऊपर डाल दिया। यह देखकर सुकरात के शिष्यों को बहुत बुरा लगा और वे सभी सोचने लगे कि आख़िर गुरु जी अब क्या करेंगे?
सुकरात ने अपने शिष्यों की भावना समझते हुए शांत स्वर में कहा- देखो मेरी पत्नी कितनी उदार है, जिसने मुझे भीषण गर्मी में शीतलता प्रदान करने के लिए मेरे ऊपर पानी डालने की कृपा की। सुकरात की इस सहनशीलता को देखकर उनके शिष्य श्रद्धावनत हो गए और पत्नी का क्रोध में शांत हो गया।
कथा की सीख
कई बार व्यक्ति क्रोध का जवाब सज्जनता से देने पर क्रोधी भी व्यक्ति शांत हो जाता है और विवाद नहीं होता। खासतौर पर पति-पत्नी को अपने रिश्ते में शांति बनाए रखने के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति क्रोधी है तो हमेशा शांत स्वभाव से समझदारी से काम लेना चाहिए। इससे झगड़ा आगे नहीं बढ़ता है।