जब आखिरी ओवर में अफ्रीका को जीत के लिए चाहिए थे 6 रन और सचिन तेंदुलकर के हाथ में थी गेंदबाजी, जानिए क्या निकला था मैच का नतीजा
भारतीय टीम मौजूदा दौर में दुनिया की सबसे खतरनाक टीमों में से एक है. अब भारतीय टीम के पास बेहतरीन बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे खतरनाक गेंदबाजी आक्रमण भी है. लेकिन पहले ऐसा नहीं हुआ करता था. एक समय भारतीय टीम की गेंदबाजी बहुत कमजोर थी. आज हम आपको उस मुकाबले के बारे में बता रहे हैं जब कप्तान को मजबूरी में सचिन तेंदुलकर को गेंदबाजी करने के लिए भेजना पड़ा था.
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 1993 में हीरो कप का सेमीफाइनल मैच खेला गया था जिसमें भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में केवल 195 रन ही बना सकी थी. दक्षिण अफ्रीकी टीम को 50 ओवर में 196 रन बनाने थे. जब दक्षिण अफ्रीकी टीम लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो 60 रन पर उसके 3 विकेट गिर गए. लेकिन फिर दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज हडसन ने पारी को संभाल लिया.
भारतीय गेंदबाजों के लिए उस समय दक्षिण अफ्रीकी टीम को रन बनाने से रोकना मुश्किल हो रहा था. अंतिम ओवर में दक्षिण अफ्रीकी टीम के पास 2 विकेट बचे थे और उसे जीत के लिए 6 रन बनाने थे. उस समय भारतीय टीम की कप्तानी मोहम्मद अजहरुद्दीन के हाथों में थी. मोहम्मद अजहरुद्दीन ने आखिरी ओवर में चौंकाने वाला फैसला लिया और सचिन तेंदुलकर को गेंद थमा दी.
सचिन तेंदुलकर की पहली ही गेंद पर दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज दूसरा रन लेने के चक्कर में रन आउट हो गए. दूसरी व तीसरी गेंद पर सचिन ने कोई रन नहीं दिया. चौथी गेंद पर दक्षिण अफ्रीका को 1 रन मिल गया और पांचवी गेंद खाली चली गई. आखिरी गेंद पर दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 4 रन की जरूरत थी. लेकिन सचिन ने केवल एक ही रन दिया और इस तरह से भारत ने उस मुकाबले में जीत हासिल की.