जिसकी सालों से थी तलाश, एक दिन मछुआरों के जाल में फंसी ऐसी चीज
समुद्रों और नदियों से अक्सर ऐसी चीजें मिल जाती हैं जो बहुत अनोखी होती हैं। यह चीजें इतनी ज्यादा दुर्लभ होती है कि इन्हें आज से पहले कभी नहीं देखा गया होता है। ऐसी ही एक अनोखी चीज चिली देश के कुछ मछुआरों के हाथ लगी, जिसकी तलाश बड़े-बड़े बैज्ञानिकों को सालों से थी। हर रोज की तरह मछुआरे नदी में मछलियां पकड़ने उतरे थे। इस बीच उनके जाल में एक ऐसी मछली फंस गई जिसे उन्होंने पहले कभी नहीं देखा और ना ही उसके बारे में कभी सुना था।
जब मछुआरों के जाल में अचानक से यह मछली फंसी, तो उन्होंने तुरंत इसकी सूचना संबंधित विभाग को दी। इसके बाद वैज्ञानिकों के जांच करने पर पता चला की यह मछली कोई साधारण मछली नहीं बल्कि एंजेल शार्क नाम की दुर्लभ मछली है। जो आज से लगभग सदियों पहले धरती पर पाई जाती थी। इस मछली का आकार अन्य शार्कों की तुलना में बिल्कुल अलग और चपटा था। इसकी लंबाई लगभग 3 फीट थी। इस प्रजाति की मछलियां अक्सर समुद्र के तल पर छिपकर रहती थी। यह भी पढ़े -बिना वीजा और पासपोर्ट के भारत के इस रेलवे स्टेशन पर जाना है मना!, जबरदस्ती प्रवेश करने पर हो सकती है सजा, जानें वजह
एंजेल शार्क नाम की इस मछली को लोग ‘रेत का शैतान’ भी कहते हैं। क्योंकि यह रेत में छिपकर छोटी मछलियों का शिकार बहुत तेजी के साथ करती है। यह 25 से 35 वर्ष तक अपना जीवन जी सकती है। इस मछली की पीठ पर कांटे होते हैं। यह अपने सिर पर मौजूद तेज हुक की मदद से शिकार करती है, जो इसकी सबसे बड़ी ताकत है। 18 वीं सदी में यह शार्क काफी प्रसिद्ध थी। इसे लोग मायावी शार्क के नाम से भी जानते थे। इस मछली की प्रजाति जापान चीन जैसे देशों में भी पाई जाती थी। दूसरे देशों में यह शार्क अलग-अलग तरह से बढ़ती थीं।