दिनभर फोन पर बात करके ही खूब कमाई करते थे 28 पुरुष और 8 महिलाएं, पूरी सच्चाई जान पुलिस भी रह गई हैरान
टेक्नोलॉजी का विस्तार होने के साथ ही फर्जीवाड़ा और ठगी के नए-नए तरीके सामने आने लगे हैं. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक ऐसे ही रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है.
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में पुलिस ने बड़े रैकेट का खुलासा किया है. विदेशी नागरिकों को अपनी बातों में फंसाकर उनसे डॉलर में उगाही करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया गया है. तीन कॉल सेंटर से कुल मिलाकर 28 पुरुष और 8 महिलाओं को हिरासत में लिया गया है. लोन देने और प्रतिबंधित दवाओं को बेचने के नाम पर ठगी का बड़ा धंधा चल रहा था. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने छापा मारकर इसका खुलासा किया है. पुलिस ने ऐसे 3 कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है.
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि महिलाओं सहित 36 लोगों को गिरफ्तार कर तीन अवैध कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया गया है. लोन के नाम पर लोगों को चूना लगाया जा रहा था. साथ ही प्रतिबंधित दवाएं बेचने के नाम पर भी ठगी की जा रही थी. उन्होंने बताया कि क्राइम ब्रांच को एक सिंडिकेट के बारे में विशेष जानकारी मिली थी. ओशिवारा और आरे कॉलोनी में फर्जी कॉल सेंटर ऑपरेट किए जा रहे थे. पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि सूचना पर कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच ने कई टीमें बनाईं. इसके बाद इन टीमों ने जोगेश्वरी (वेस्ट) के बेहराम बाग स्थित गेट फार्मेसी और ऑल विन इंफो मीडिया पर रेड मारी.
मुंबई पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को पता चला कि कॉम्प्लेक्स से दो फर्जी कॉल सेंटर चल रहे हैं. कॉल करने वाले वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VOIP) के माध्यम से विदेशी नागरिकों से संपर्क साधते थे. कॉल करने वाले खुद को विदेशी नागरिक बताते हुए एक फार्मा कंपनी का प्रतिनिधि बताते थे. उन्होंने कहा कि विदेशी नागरिकों से ऑर्डर लेने के बाद कॉल करने वाले उनसे उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए कुछ बैंक खातों में डॉलर में भुगतान करने के लिए कहते थे. तीसरे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ आरे कॉलोनी के रॉयल पाम्स इलाके में किया गया.
कॉल सेंटर धन सुविधा फाइनेंस नाम की फर्जी कंपनी के जरिए लोन बांटने का काम करता था. उन्होंने कहा कि कॉल करने वाले व्यक्तिगत और कमर्शियल लोन की सुविधा देते थे और प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ग्राहकों से पैसे लेते थे. कुल मिलाकर तीन फर्जी कॉल सेंटरों से क्राइम ब्रांच ने 36 लोगों को गिरफ्तार किया. अधिकारी ने बताया कि इनमें मालिक और 32 कर्मचारी शामिल हैं. आठ महिलाएं भी हैं. धोखाधड़ी से हासिल की गई रकम का खुलासा नहीं किया गया है. रेड में 33 मोबाइल फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, मॉनिटर, सीपीयू और राउटर भी जब्त किए गए हैं.