दो उल्लू एक साथ आकर बैठे, एक के मुंह में था सांप और दूसरे के मुंह में चूहा, सांप ने जब उस चूहे को देखा तो वह यह भूल गया कि वह खुद ही मौत के मुंह में है और उस चूहे को खाने की…….

पुराने समय की बात है जब दो उल्लू एक साथ आकर बैठ गए। एक उल्लू ने अपने मुंह में सांप को पकड़ रखा था तो वहीं दूसरे उल्लू ने अपने मुंह में चूहे को। दोनों ही उल्लू अपना अपना भोजन करने वाले थे तभी सांप ने चूहे को देख लिया। लेकिन सांप को यह नहीं पता था कि मैं भी मौत के मुंह में हूं। वह सांप चूहे को खाने के लिए झपटने लगा।

वहीं दूसरे उल्लू के मुंह में फंसा हुआ चूहा यह देखकर डर गया। चूहे को लग रहा था कि सांप मुझे खा जाएगा।

दोनों उल्लू यह देखकर आश्चर्य करने लगे। उन्होंने अपने शिकार को मुंह में दबाया और मार दिया। एक उल्लू ने दूसरे उल्लू से सवाल किया कि क्या तुम्हें चूहे और सांप को देखकर कुछ बात समझ में आई।


दूसरे उल्लू ने कहा कि हां मुझे यह बात समझ में आई कि जीभ की, रस की और स्वाद की इच्छा सबसे बड़ी होती है जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता। जब यह इच्छा ज्यादा प्रबल हो जाती है तो वह सामने खड़ी मृत्यु को भी नहीं देखता है।

इसके अलावा मुझे दूसरी बात यह समझ में आई मृत्यु से ज्यादा बड़ा मृत्यु का भय होता है। चूहा पहले से ही मौत के मुंह में था। लेकिन वह सांप को देखकर डरने लगा क्योंकि उसे लग रहा था कि सांप उसे मारकर खा जाएगा। लेकिन चूहा यह नहीं समझ पाया कि मैं पहले से ही मौत के मुंह में हूं।

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि स्वाद का लोभ व्यक्ति की सोचने समझने की शक्ति को भी खत्म कर सकता है। सभी को इस स्वाद के लोभ से बचना चाहिए। व्यक्ति मौत से नहीं डरता बल की मौत के भय से उसे ज्यादा डर लगता है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *