पाकिस्तान की संसद में चूहों ने मचाया आतंक, छुटकारे के लिए खरीदी जाएंगी 12 लाख बिल्लियां
आए दिन सोशल मीडिया पर पाकिस्तान कुछ ना कुछ ऐसी खबरों से छाया रहता है,जो इसकी आर्थिक हालत, राजनीतिक अस्थिरता से जुड़ी रहती है। कुछ इसी तरह की एक और खबर सुनने में आई है कि पाकिस्तान में जहां लोगों के पास खाने-पीने के पैसे नहीं है, सरकार कर्ज के तले दबती ही जा रही है, वहीं अब पाकिस्तान सरकार के सामने एक और मुसीबत सामने आ गई है। पाकिस्तानी संसद में चूहों के आंतक ने सबको परेशान कर दिया है, जिससे संसद भवन में काफी नुकसान हो रहा है। ये चूहे संसद के फाइलों को कुतर रहे और साथ ही इलेक्ट्रिक तारों के साथ भी छेड़छाड़ कर रहे हैं। तो इसी समस्या से निपटने के लिए शहबाज सरकार ने एक अनोखा कदम उठाया है। जहां चूहों के खतरे से निपटने के लिए उन्होंने पाकिस्तान की संसद में बिल्लियों को तैनात करने का फैसला लिया है। यहां की आम जनता को खाने-पीने के लाले पड़ रहे है, और इस मुसीबत से निपटने के लिए यहां की सरकार ने 12 लाख रुपए के बजट आवंटित से बिल्लियां खरीदने जा रहा है। साथ ही चूहे पकड़ने के लिए इन बिल्लियों को स्पेशल ट्रेनिंग भी दिए जाएंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी (CDA) ने चूहों के आतंक से बचने के लिए बिल्लियां हायर करने का प्लान बनाया है। इन बिल्लियों को रखने के लिए 12 लाख पाकिस्तानी रुपये का बजट पेश किया है। अधिकारियों का कहना है कि बिल्लियों को तैनात करने से न केवल चूहों की समस्या का समाधान होगा, बल्कि ये एक प्राकृतिक और पर्यावरण के अनुकूल तरीका भी होगा। यहीं नहीं बिल्लियों को चूहों को मारने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके लिए प्राइवेट एक्सपर्ट भी रखा जाएगा। और वहीं चूहों को पकड़ने के लिए संसद भवन की इमारत में स्पेशल डिजाइन वाले चूहेदानी भी लगाए जाएंगे ताकि चूहों की बढ़ती संख्या पर काबू पाया जा सके।
पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान गधों को लेकर भी काफी चर्चा में रहा था। खबर आ रही थी कि पाकिस्तान में गधों की संख्या 1 साल में करीब एक लाख बढ़ गई है। जहां पहले इनकी संख्या 58 लाख थी वहीं अब यह बढ़कर 59 लाख हो गई है। बता दें कि पाकिस्तान गधा पालने के मामले में तीसरे स्थान पर है। हर साल पाकिस्तान चीन को औसतन 5 लाख गधे निर्यात कर देता है, लेकिन इसके बाद भी देश में गधों की आबादी में 1 लाख का इजाफा हुआ है। इतना ही नहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक तंगी से गुजरते हुए पाकिस्तान ने हर साल कई लाख गधे चीन को बेचे हैं। जहां पर इसका इस्तेमाल ढुलाई के अलावा मीट और शक्ति वर्धक दवाएं बनाने के लिए भी किया जाता है।