पानी के लिए घर पहुंची थी नाबालिग छात्रा मौका देखकर दो भाइयों ने किया उसका रेप, अब कोर्ट ने दोनों को सुनाई 20 साल की सजा

उत्तरी त्रिपुरा में एक नाबालिग स्कूली छात्रा से बलात्कार के मामले में दो भाइयों को 20 साल की सजा सुनाई गई है। यह जानकारी मंगलवार को एक स्थानीय अदालत ने दी। धर्मनगर जिले की जिला अदालत ने प्रशांत देबनाथ और उसके छोटे भाई पप्पू देबनाथ पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अगर वे जुर्माना नहीं भरते हैं, तो उन्हें आठ महीने की अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी।

12 फरवरी 2022 को धर्मनगर महिला थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। थाने की जांच अधिकारी उषारानी देबनाथ ने एफआईआर दर्ज होने के दो महीने के भीतर ही अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। सरकारी वकील सुदर्शन शर्मा ने बताया, “लंबी सुनवाई के बाद, अदालत ने हाल ही में आईपीसी की धारा 376 (2) के तहत उन्हें 10 साल की जेल की सजा सुनाई और 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना नहीं चुकाने पर छह महीने और जेल की सजा भुगतनी होगी।”

अदालत ने आईपीसी की धारा 506 के तहत एक साल की जेल की सजा सुनाई है और 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया, अन्यथा उन्हें एक महीने जेल की सजा भुगतनी होगी। अदालत ने POCSO अधिनियम की धारा 6 के तहत दोनों भाइयों को 20 साल जेल की सजा सुनाई है और 25,000 रुपये का जुर्माना ठोका है। जुर्माना नहीं चुकाने पर आठ महीने अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी। शर्मा ने बताया कि मामले में एफआईआर घटना के एक साल बाद दर्ज किया गया था।

मामले में जब नाबालिग छात्रा स्कूल से घर लौट रही थी, तो उसे प्यास लगी। इसलिए वह बीच रास्ते में दोषियों के घर चली गई (जिन्हें वह पहले से जानती थी) और एक गिलास पानी मांगा। वकील ने कहा, “वह दोषियों की मां को दादी कहकर बुलाती थी। उनके घर पहुंचने के बाद उसने एक गिलास पानी मांगा। उस दौरान प्रशांत उसे जबरदस्ती अपने कमरे में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। उसका छोटा भाई पप्पू देबनाथ इस घटना का गवाह था और बाद में उसने उसे ब्लैकमेल किया और उसने भी उसके साथ बलात्कार किया। बाद में वह गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया जिसके बाद उसके परिवार ने मामला दर्ज कराया।”

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