प्रेरक प्रसंग; एक पिता अपने बेटे को नए जूते दिलाने लेकर गया, लेकिन बेटे ने कहा कि दादाजी के लिए चश्मा सबसे ज्यादा जरूरी है, इसके बाद पिता ने बेटे को एक शर्ट दिलाई तो……
एक दिन एक पिता अपने छोटे बेटे को लेकर बाजार गए क्योंकि वे अपने बेटे को नए जूते दिलाना चाहते थे। वह अपने छोटे बेटे को दुकान पर ले गए। लेकिन बच्चे ने जूता खरीदने से इंकार कर दिया और कहा कि मेरे पुराने जूते अभी ठीक हैं। आप इन पैसों से जूते खरीदने की बजाय दादाजी के लिए नया चश्मा बनवा दीजिए।
पिता ने सोचा कि शायद वह अपने दादा जी से ज्यादा प्यार करता है। इसलिए ऐसा बोल रहा है। बाद में वह व्यक्ति अपने बेटे को कपड़े की दुकान पर ले गया और बच्चे के लिए एक अच्छी शर्ट ली। बच्चे ने जब वह शर्ट पहनी तो वह बिल्कुल फिट थी। लेकिन बच्चे ने कहा कि मुझे थोड़ी लंबी शार्ट चाहिए।
पिताजी ने पूछा कि बेटा तुम्हें लंबी शर्ट क्यों चाहिए तो बेटे ने उत्तर दिया कि पिछले साल वाली शर्ट अभी तक अच्छी है। लेकिन वह छोटी हो गई जिस कारण मैं उसे नहीं पहन पाता। यदि यह शर्ट थोड़ी लंबी होगी तो मैं इसे ज्यादा समय तक पहन पाऊंगा। पिता ने बेटे के लिए लंबी शर्ट खरीद ली।
जब पिता और बेटे अपने घर वापस आ रहे थे तो पिता ने बेटे से पूछा कि तुमको यह सब कौन सिखाता है। बेटे ने उत्तर दिया कि आप और मां दोनों ने मेरी सुख-सुविधाओं के लिए अपनी सुख-सुविधाएं त्याग दीं। मेरी वजह से मां साड़ी नहीं खरीदती। लेकिन मुझे वह नए कपड़े दिलाती हैं। आप मेरे लिए किताबें खरीदने की वजह से खुद के लिए जूते नहीं खरीद पाते।
हमारे घर के आस पास के रहने वाले लोग आपकी, मां की और दादा जी की बहुत तारीफ करते हैं। सभी लोग आपकी बहुत इज्जत करते हैं। जबकि हमारे पड़ोस में रहने वाले मेरे दोस्त के पिता को हर कोई चोर और बेईमान कहता है, क्योंकि उसके पिताजी रिश्वत लेते हैं।
जब भी हमारे आसपास के लोग आपकी तारीफ करता है तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं तो बस यही चाहता हूं कि भले ही मुझे नए कपड़े या जूते ना मिले। लेकिन मेरे पिता को कोई चोर या बेईमान ना कहे। मुझे आपकी ताकत बनना है, ना की कमजोरी।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि बच्चे सभी चीजें अपने घर वालों से ही सीखते हैं। अगर परिवार वाले ही गलत काम करेंगे तो बच्चे बिना गलत काम किए नहीं रह सकते।