प्रेरक प्रसंग; एक बार किसी राज्य का राजा एक जवान व्यक्ति को बनाया गया, उसने राजा बनते ही राज्य के सभी बुजुर्गों को……
किसी जवान व्यक्ति को एक राज्य का राजा बनाया गया। उस राजा ने मंत्रियों को यह आदेश दिया कि सभी बूढ़े लोगों को मृत्युदंड दे दिया जाए, क्योंकि यह किसी काम के नहीं है। बूढ़े लोग हमेशा बीमार रहते हैं। यह कोई भी कार्य नहीं करते हैं और राज्य का पैसा बर्बाद होता है। इसी वजह से राज्य के बूढ़े लोग दूसरे राज्य में चले गए।
एक गरीब लड़के को अपने पिता से बहुत प्यार था। लेकिन उसके पास इतना पैसा नहीं था कि वह अपने पिता को दूसरे राज्य में ले जा सके। इसीलिए उसने अपने पिता को घर में ही छिपा लिया। कुछ समय बाद राज्य में अकाल पड़ गया। राजा को भी ये नहीं समझ आ रहा था कि प्रजा के खाने की कैसे व्यवस्था हो।
भीषण गर्मी का मौसम था। उस गरीब लड़के ने अपने पिता से अकाल से निपटने का समाधान पूछा। लड़के के पिता ने कहा कि थोड़ी ही दूर पर हिमालय स्थित है। गर्मियों के मौसम में हिमालय की बर्फ गिरेगी और पानी इस राज्य की ओर बहता हुआ आएगा। एक काम करो। यहां पर पानी आने से पहले राज्य के मार्ग पर दोनों तरफ हल चला दो।
लड़के ने राज्य के लोगों को यह उपाय बताया। लेकिन किसी ने भी उसकी बात को नहीं माना। उसने अकेले ही राज्य के दोनों तरफ हल चला दिए और जल्दी ही बर्फ का पानी राज्य के रास्ते पर आ गया। कुछ ही समय बाद सड़कों पर अनाज के पौधे उगने लगे।
राजा को जब यह बात पता लगी तो लड़के को दरबार में बुलाया गया और उसने पूछा कि तुमको यह तरीका किसने बताया। लड़के ने कहा कि मुझे यह उपाय मेरे पिताजी ने बताया। आपने कुछ दिनों पहले सभी बूढ़ों को मृत्युदंड का आदेश दिया था तो मैंने अपने पिता को अपने घर में ही छिपा लिया।
यह बात सुनकर राजा ने बेटे के पिता को भी बुला लिया। बूढ़े व्यक्ति ने राजा को बताया कि इस राज्य के लोग खेतों से अनाज अपने घर ले जाते थे और उसे दूसरे राज्यों में जाकर बेच आते थे। इस वजह से अनाज के दाने सड़कों पर भी गिर जाते थे। मेरे बेटे ने हलचल आया तो पानी मिलने से वह अनाज के दाने अंकुरित हो गए और अनाज उगाया।
राजा को अपनी गलती का पछतावा हुआ और उसने सभी बूढ़ों को अपने राज्य में फिर से बुला लिया।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि बूढ़े लोग बेकार नहीं होते हैं। बूढ़े लोग हर बार समस्याओं से हम को बचाते हैं और समस्या से का समाधान देते हैं।