प्रेरक प्रसंग; कभी लालच नहीं करना चाहिए, जितना मिले उसी में खुश रहना सीखें, जो व्यक्ति लालच करता है वह कभी……

एक बार एक किसान ने अपने गांव के जमींदार के खेत में अंगूर की बेल लगाई। अब किसान हर रोज उसकी देखभाल करता। समय -समय पर पानी डालता और खाद लगाता। कुछ समय बाद अंगूर की बेल बड़ी हो गई और उस पर अंगूर आने लग गए।

किसान के मन में एक दिन विचार आया कि यह अंगूर तो जमींदार के खेत में उगे हैं। इसीलिए इस पर जमींदार का भी हक है। इस कारण किसान हर रोज उस जमींदार को थोड़े-थोड़े अंगूर देने लगा।

जमींदार ने 1 दिन विचार किया कि यह बेल तो मेरे खेत में लगी है तो इस पर मेरा अधिकार है। इसलिए सभी अंगूर मेरे हैं। जमींदार के मन में लालच उत्पन्न हो गया। इस वजह से उसने अपने नौकर को खेत में भेज दिया और कहा कि उस अंगूर की बेल को उखाड़ कर अपने आंगन में लगा लो। किसान कुछ नहीं बोल पाया क्योंकि वह बेल जमींदार के खेत में थी।

जमींदार के नौकर अब उस बेल की देखभाल करते थे। वह अत्यधिक मात्रा में पानी लगाते थे। इस वजह से वह बेल धीरे-धीरे सूख गई। जमीदार नहीं समझ पा रहा था कि यह बेल क्यों सूख रही है। अंत में एक दिन अंगूर की बेल पूरी तरह से नष्ट हो गई।

कहानी की सीख

इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है जितना भी मिले उसी में खुश रहना चाहिए। लालच करना अच्छी बात नहीं है। लालच करने वाला व्यक्ति कभी भी सुखी नहीं रह सकता।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *