प्रेरक प्रसंग; बीरबल के पास अकबर के सभी सवालों के जबाब होते थे, एक बार अकबर ने भगवान से जुड़े तीन प्रश्न पूछे, ईश्वर कहां रहता है?……

अकबर और बीरबल से जुड़े कई किस्से आप सबने सुने होंगे। बीरबल बहुत ज्यादा बुद्धिमान थे और उनके पास राजा अकबर के हर सवाल का उत्तर भी होता था। बीरबल और अकबर से जुड़ा एक किस्सा हम आपके लिए लेकर आए हैं।

अकबर ने बीरबल से पूछा- ईश्वर कहां रहते हैं, क्या करते हैं और कैसे मिलते हैं। अकबर का प्रश्न सुनकर बीरबल आश्चर्यचकित हो गए और उन्हें इस प्रश्न का उत्तर समझ नहीं आया, तो उन्होंने कहा कि मैं आपको इन प्रश्नों का उत्तर कल बताऊंगा।

बीरबल इन प्रश्नों को लेकर बहुत चिंतित थे। बीरबल के पुत्र ने उससे पूछा कि आप क्यों चिंतित हैं तो बीरबल ने उसे सारी बात बताई। बीरबल के पुत्र ने कहा कि वह कल खुद दरबार में जाकर अकबर के तीनों प्रश्नों का उत्तर देगा।

अगले दिन बीरबल अपने पुत्र को लेकर दरबार में पहुंचे और कहा कि आपके पूछे गए प्रश्न का उत्तर मेरा पुत्र दे सकता है। अकबर ने कहा- ठीक है बताओ, ईश्वर कहां है।

बीरबल के पुत्र ने दूध मंगाया है और उसमें चीनी मिली हुई थी। उसने दूध अकबर को दिया और कहा कि आप देखकर बताइए दूध कैसा है। अकबर ने कहा- यह दूध मीठा है। तब बीरबल के बेटे ने कहा कि क्या आपको इसमें चीनी दिख रही है।

अकबर ने कहा- नहीं, चीनी तो दूध में घुली हुई है। बीरबल का पुत्र बोला- जहांपना, बिल्कुल इसी तरह ईश्वर संसार की हर चीज में घुला हुआ है। लेकिन दिखाई नहीं देता। अकबर ने दूसरा प्रश्न पूछा कि ईश्वर कैसे मिलता है तो बीरबल के पुत्र ने अकबर को दही दिया और कहा कि इसमें मक्खन दिख रहा है।

अकबर ने कहा- दही में मक्खन तो है। लेकिन वह मथने पर ही मिलेगा। बीरबल के पुत्र ने कहा कि जहांपनाह, इसी तरह जब हम अपने मन का मंथन करते हैं तो हमें ईश्वर मिल जाता है। अकबर ने बीरबल के पुत्र को तीसरा प्रश्न पूछा कि ईश्वर क्या करता है।

बीरबल के पुत्र ने कहा कि आपको इसके लिए मुझे अपना गुरु बनाना होगा। अकबर ने कहा- ठीक है, अब से तुम मेरे गुरु और मैं तुम्हारा शिष्य। बीरबल के पुत्र ने अकबर से कहा कि गुरु का स्थान ऊंचा होता है और शिष्य नीचे रहता है। इसके बाद अकबर अपने सिंहासन से उठ गए और बीरबल के पुत्र को सिंहासन पर बैठा कर खुद नीचे बैठ गए।

सिंहासन पर बैठने के बाद बीरबल के पुत्र ने कहा कि आप के तीसरे प्रश्न का उत्तर यही है। ईश्वर राजा को रंक और रंक को राजा भी बना सकता है। अकबर बीरबल के पुत्र से मिले जवाबों से संतुष्ट हो गया और उसे सम्मानित किया।

कथा की सीख

इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि बुद्धिमान व्यक्ति हर जगह सम्मान प्राप्त कर सकता है। भले ही उसकी उम्र कम ही क्यों ना हो। अगर आप अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करते हैं तो आप अपने जीवन से सभी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।

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