बड़ा ही अनोखा है ये गांव, यहां सुहागरात से पहले दुल्हा-दुल्हन को करना होता है कुछ ऐसा काम………
भारत में शादी के बंधन को काफी पवित्र माना जाता है। इस मौके पर दुल्हा-दुल्हन का अशुभ चीजों का छूना और अशुभ स्थलों पर जाना पूरी तरह से वर्जित होता है। लेकिन राजस्थान में एक ऐसा गांव स्थित है जहां शादी के बाद सुहागरात से पहले ही नवदंपत्ति को श्मशान घाट में पूजा करने जाना पड़ता है। सैंकड़ों सालों से चल रही इस परंपरा को आज भी निभाया जा रहा है। खास बात यह है कि केवल इस गांव या इसके आसपास के ही नहीं बल्कि दूर रहने वाले लोग भी शादी के तुरंत बाद यहां के श्मशान घाट में पहुंचकर पूजा करते हैं।
जैसलमेर जिला मुख्यालय से 6 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव का नाम बड़ा बाग है। यहां जैसलमेर राजपरिवार का खानदानी श्मशान घाट बना हुआ है। पहाड़ी पर स्थित बड़ा बाग में राजपरिवार के 103 राजा-रानियों की याद में छतरियां बनी है। इन छतरियों के नीचे उनकी समाधियां बनी हुई हैं। इन छतरियों का निर्माण 16वीं व 17वीं शताब्दी के बीच शुरु हुआ था। स्थानीय मान्यता के अनुसार, पूर्णिमा के दिन शादी के बाद पहली पूजा दूल्हा-दुल्हन इसी श्मशान घाट में आकर करते हैं। ऐसा करने से उन्हें इन 103 राजा-रानियों का आशीर्वाद मिलता है और उनका वैवाहिक जीवन सुखमय बना रहता है।
नवदंपतियों की भी पहली पसंद में शुमार इन छतरियों के पास रात के समय कोई भी नहीं आता है। इसका कारण है यहां से जुड़ी डरावनी कहानियां। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के वक्त इन छतरियों से पास से घुड़सवार, पायल, हुक्का पीने की और तरह-तरह की डरावनी आवाजें आती हैं।