बड़ा ही अनोखा है ये पक्षी, अपने अंड़ो के जरिए दे देता है मॉनसून की जानकारी, जानिए आखिर कैसे
दुनिया में कई प्रजातियों के पक्षी होते हैं, जिनका प्रकृति में अलग-अलग योगदान होता है। प्रकृति और पर्यावरण को शुद्ध बनाने में अलग-अलग पक्षी की कई विशेषता होती है। ऐसे ही आज हम एक पक्षी की बात करने वाले हैं जिसको लोग टिटहरी के नाम से जानते हैं। अधिकांश बुजुर्गों और ग्रामीण वासियों का ऐसा मानना है कि जब टिटहरी अंडे देती है तो इसके बाद ही मानसून की संभावना बन जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इसको मौसम के आने से पहले ही आभास हो जाता है। इसके अलावा ऐसा भी मानना है की इस पक्षी को भगवान का कोई वर्दान मिला है। क्योंकि अंडो के जरिए अच्छे मानसून का संकेत देना एक करिश्मे से कम नहीं है। चलिए जानते हैं इस पक्षी के बारे में बेहतरीन जानकारियां।
कैसा दिखता है यह पक्षी और कैसे होते हैं इसके अंडे?
टिटहरी को टिट्टिभ के नाम से भी जाना जाता है। इसके नर और मादा दिखने में एक जैसे ही लगते हैं। इनके शरीर का रंग राख जैसा होता है, जिस पर गाढ़ी भूरी लकीरें और चिह्न होते हैं। 16 इंच के इन पक्षियों की पीठ की चित्तियां घनी और नीचे की तरफ बिखरी होती हैं। इसके ऊपर और नीचे एक भूरी लाइन होती है। वहीं, एक काली लाइन आंख से होकर सिर तक आती है। इनकी गर्दन और पूंछ वाला हिस्सा थोड़ा लाल और भूरा सा होता है। सीने पर गाढ़ी भूरी लाइनें होती हैं। साथ ही आंखों का रंग चटक पीला होता है। इनकी टांगों का रंग भी पीला होता है। हालांकि, लोगों का ऐसा कहना है कि जब यह बच्चे होते हैं तो इनकी टांगों का रंग लाल होता है। लेकिन बड़े होते-होते इनके पैर का रंग पीला होता जाता है।
इसके अंडों के बारे में बात करें तो यह इनका प्रजनन का समय मार्च से अगस्त के बीच होता है। ये आम तौर पर दो से छः अंडे तक देते हैं। इसके अंडे नाशपाती के आकार के काले-भूरे धब्बेदार होते हैं।
कैसे हैं टिटहरी प्रकृति के लिए लाभदायी?
पर्यावरण को शुद्ध बनाने वाले हर पक्षी की अलग विशेषता होती है। ऐसा ही एक पक्षी टिटहरी है जिसकी विशेषता है कि इसको मौसम बदलने का आभास पहले ही हो जाता है। यह अपने अंडों के जरिए अच्छे मानसून का संकेत देती है। ऐसा माना जाता है कि मादा अगर 6 अंडे देती है तो उस साल अच्छी बारिश होती है। साथ ही साथ अच्छी फसल भी होने की उम्मीद होती है। लागों का यह भी मानना है की टिटहरी के अंडे देने के बाद ही मानसून आ जाता है। इसके अलावा, यह पक्षी शिकारी पक्षियों और जानवरों के आने का भी संकेत अपनी आवाज से दे देता है। जिससे इसके आस-पास वाले पक्षी भी सावधान हो जाते हैं। साथ ही यह कीड़े-मकौड़े खाकर अपना भरण-पोषण करते हैं और अपने बच्चों को पालते हैं। इनकी आवाज से यह पता चलता है कि या तो मौसम बदलेगा या कोई जानवर या पक्षी आस-पास घूम रहा है।