बड़ा ही निर्दयी और क्रूर था ये शासक, इसने जिंदा लोगों को चुनवा कर बनवा दी थी मिनार, करना चाहता था भारत को बर्बाद

भारत में पहले राजतंत्र की व्यवस्था थी. राजा अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए बहुत कुछ किया करते थे. कुछ राजा शांति पूर्वक राज्य करते थे तो कुछ राजा बहुत क्रूर थे. ऐसा ही एक क्रूर शासक हुआ जिसने सारी हदें पार कर दी. 14 वीं शताब्दी के शासक तैमूर लंग के बारे में शायद आप लोग नहीं जानते होंगे. 1369 ई. में समरकंद के अमीर के रूप में तैमूर अपने पिता के सिंहासन पर बैठा और उसका स्वप्न विश्व को जीतने का था.

तैमूर ने कई देशों पर आक्रमण किया. उसने 1398 ने भारत पर आक्रमण किया और वह दिल्ली तक आ गया. लेकिन दिल्ली में वह केवल 15 दिनों तक ही रुका. उसने अपने सैनिकों के साथ दिल्ली में लूटपाट की और सारा माल लेकर अपने देश लौट गया. तैमूर क्रूरता के मामले में बहुत आगे था. उसे खूनी योद्धा की संज्ञा दी गई. तैमूर जब भी मैदान में जंग के लिए उतरता था तो बड़ी संख्या में लाशें बिछा देता था.

ऐसा कहा जाता है कि उसने एक जगह दो हजार जिंदा आदमियों की एक मीनार बनवाई और उन्हें ईट और गारे में चुनवा दिया. तैमूर ने भारत के बारे में बहुत कुछ सुना था. इसी वजह से उसने भारत से खजाना लूटने की योजना बनाई. तैमूर ने भारत को खूब लूटा. लेकिन जब वह भारत छोड़कर वापस जा रहा था तो वह यहां से कई लोगों, औरतों, शिल्पियो को बंदी बना कर ले गया.

तैमूर से तैमूर लंग बनने की कहानी

तैमूर का नाम पहले केवल तैमूर था. लेकिन उसके नाम के पीछे लंग जुड़ने की कहानी बहुत ही दिलचस्प है. ऐसा कहा जाता है कि युवावस्था में तैमूर के शरीर का दाहिना हिस्सा बुरी तरह से घायल हो गया था. तैमूर भाड़े के मजदूर के तौर पर खुराशान में पड़ने वाले खानों में काम करता था. इसी खान में एक हादसे में वह चोटिल हो गया. वहीं कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि तैमूर को एक भेड़ चराने वाले चरवाहे ने तीर मारकर घायल कर दिया था. चरवाहे का एक तीर तैमूर के कंधे पर लगा और दूसरा कूल्हे पर.

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