बेटे ने अपनी ही बूढ़ी मां के खिलाफ दर्ज कराया केस,कारण जान सिर पीट लेंगे…
20 साल के बेटे ने अपनी बूढ़ी मां के खिलाफ सिर्फ इसलिए मुकदमा ठोक दिया, क्योंकि उसने बिना पूछे उसके कॉमिक्स को कूड़े में फेंक दिया. कोर्ट ने महिला को 13 हजार रुपये से अधिक हर्जाने के रूप में भुगतान करने का आदेश सुनाया है. महिला ने सुलह करने की कोशिश की, लेकिन बेटा नहीं माना. जानिए कहां का है ये अजीबोगरीब मामला.
एक बेटे ने अपनी बुजुर्ग मां के साथ जो किया, वो बेहद चौंका देने वाला है. 20 वर्षीय ताइवानी युवक ने अपनी मां को सिर्फ इसलिए कोर्ट में घसीट लिया, क्योंकि महिला ने उससे बिना पूछे उसके कॉमिक्स कलेक्शन को कूड़े में फेंक दिया. युवक इस कदर नाराज था कि उसने सुलह तक करने से मना कर दिया.
ओडिटी सेंट्रल में छपी रिपोर्ट के अनुसार, ये अजीबोगरीब मामला ताइवान के चियाई शहर का है, जहां 64 वर्षीय एक महिला बेटे के ‘अटैक ऑन टाइटन’ कॉमिक्स कलेक्शन को कूड़े में फेंकने के बाद मुश्किल में पड़ गई. महिला अपने बेटे के कॉमिक्स के प्रति पागलपन से तंग आ गई थी. इसलिए जब उसने देखा कि कॉमिक्स नमी की वजह से पड़े-पड़े सड़ रही है, तो जरूरी जगह बनाने के लिए उसे कूड़े में फेंक आई.
इसके बाद जब बेटा घर लौटा, तो उसने अपने गायब हुए कॉमिक्स कलेक्शन को लेकर मां से सवाल किया. इस पर महिला ने जब उसे बताया कि उसे तो वो कूड़े में फेंक आई है, यह सुनते ही युवक का पारा हाई हो गया. उसने आव देखा न ताव, फौरन पुलिस बुला ली.
फिर अपनी बूढ़ी मां के खिलाफ शिकायत दर्ज कराकर बिना पूछे उसकी निजी संपत्ति को नष्ट करने का आरोप लगाकर कोर्ट में घसीट लिया. युवक ने अदालत में तर्क दिया कि ‘अटैक ऑन टाइटन’ एक बेहद लोकप्रिय कॉमिक्स है और इसका पूरा कलेक्शन मिलना मुश्किल है. उसने कहा कि चूंकि इसके 32 संस्करणों में से कुछ अब प्रिंट में नहीं हैं, ऐसे में इसे कलेक्टर की अमूल्य वस्तु मानी जा सकती है
वहीं, युवक की मां का तर्क था कि कॉमिक्स में नमी आ गई थी और घर में काफी जगह भी ले रही थी, इसलिए उसने जगह बनाने के लिए उसे फेंकना ही उचित समझा. आपको जानकर हैरानी होगी कि महिला ने कोर्ट में बेटे के साथ सुलह करने की भी कोशिश की, लेकिन युवक नहीं माना.
चौंकाने वाली यह घटना इसी साल फरवरी की है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए महिला को नुकसान की भरपाई करने के लिए 5,000 ताइवानी डॉलर (यानि 13 हजार दो सौ रुपये से अधिक) का जुर्माना लगाया. यह भी कहा कि बेटे के संपत्ति अधिकारों का सम्मान न करना अनुचित था.