भारत का एक ऐसा गांव जहां लोग घरों की बजाए रहते हैं पेड़ों पर, कारण जानकर हैरान रह जाएंगे आप

क्या आपने कभी लोगों को जमीन पर न रहकर पेड़ो पर रहते हुए देखा है। यदि नही तो ऐसा ही एक अजीबोगरीब वाक्या भारत के बिहार राज्य से सामने आया है। जहां लोग जमीन पर बने घरों में रहने के बजाए पेड़ो पर रहना पंसद करते हैं। आइए जानते हैं आखिर क्यों ये लोग जमीन छोड़ पेड़ों पर रहते हैं?

दरअसल, ये पूरा मामला बिहार में भागलपुर जिले के सबौर प्रखंड के शनतनगर बगडेर बगीचा का है। हैरानी की बात यह है कि ये बगीचा किसी पशु पक्षियों के लिए नही बल्कि लोगों के रहने के लिए मशहूर हैं। यहां रहने वाले लोग अपने पेड़ों पर रहने की वजह बेहद गंभीर बताते हैं। दरअसल, बारिश के समय राज्य का यह जिला अक्सर बाढ़ से प्रभावित रहता है। जिस वजह से बारिश में पानी के कटाव के चलते लोगों के घर डूब जाते हैं। जिसके चलते यहां के लोगों को पास के पेड़ों पर रहने के अलावा कोई चारा नही बचता है।

एक समय यह गांव बाबूपुर और रजनन्दीपुर के रुप में अस्तित्व में था। लेकिन गंगा नदी में हर साल आने वाली बाढ़ की वजह से यह डूब जाते थे। जिससे परेशान होकर यहां रहने वाले लोगों ने पलायन कर लिया और पास में स्थित गांव शन्तनगर जाकर रहने लगे। लेकिन यहां भी उन्हें बाढ़ से राहत नहीं मिली। निचले जगह पर स्थित होने के कारण यह गांव हर साल बाढ़ की चपेट में आ जाता है।

ऐसे विषम हालातों में लोगों का यहां जीवन व्यतीत करना मुश्किल हो गया है। बारिश के दौरान हर साल यहां लोग जमीन पर बना अपना आशियान छोड़कर पेड़ों पर रहते हैं। वो यहां अपना अस्थाई घर बना लेते हैं जिससे बारिश के पानी से बचा जाए। यहां के हालात इतने बुरे होते हैं कि लोगों के पास खाने-पीने और रात में तन ढंकने के लिए भी कुछ नही रहता है।

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